Dera Baba Rudru: डेरा बाबा रुद्रानन्द के संस्थापक वेदांताचार्य 1008 स्वामी श्री श्री सुग्रीवानन्द महाराज जी ब्रह्मलीन

Muskan Dogra
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Sugrivananad ji Maharaj Dera baba Rudru

डेली संवाद, ऊना। Dera Baba Rudru: डेरा बाबा रुद्रानन्द (DERA BABA RUDRANAND) के संस्थापक वेदांताचार्य 1008 स्वामी श्री श्री सुग्रीवानन्द महाराज जी ने 92 वर्ष की आयु में अपना शरीर त्याग दिया। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और चिकित्सकों की देखरेख में उपचाराधीन थे।

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उनके निधन से संपूर्ण डेरा परिवार और अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई है। स्वामी सुग्रीवानन्द महाराज जी एक महान संत, आध्यात्मिक गुरु और समाजसेवी थे। उन्होंने अपने जीवन को सेवा, साधना और मानव कल्याण के कार्यों में समर्पित कर दिया था।

Dera Baba Rudru
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रस्मपगड़ी कार्यक्रम

उन के परमधाम निवास हेतू धर्मशान्ति नैमितिक समस्त कर्मों की पूर्णर्णाहुति एवं रस्मपगड़ी कार्यक्रम की भावपूर्ण श्रद्धांजलि का आयोजन पूजनीय सन्त महापुरूष, महानुभावों की पावन उपस्थिति में 14 मार्च 2025 दिन शुक्रवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे आयोजित किया जा रहा है।

जनसेवा के लिए समर्पित

डेरे के प्रमुख संतों और अनुयायियों ने बताया कि महाराज जी का संपूर्ण जीवन आध्यात्मिक जागरण और जनसेवा के लिए समर्पित रहा। उनके जाने से डेरा बाबा रुद्रानन्द परिवार को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके बताए मार्ग पर चलकर अनुयायी आगे भी समाज सेवा और आध्यात्मिक साधना जारी रखेंगे।

स्वामी सुग्रीवानन्द महाराज जी ने अपने जीवनकाल में न केवल आध्यात्मिकता का प्रचार किया, बल्कि शिक्षा, सेवा और मानव कल्याण के लिए भी कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके नेतृत्व में डेरे द्वारा गरीबों की सहायता, शिक्षा प्रसार, चिकित्सा सेवा और अन्य जनहित के कार्य किए जाते रहे हैं।

हजारों नम आंखों ने दी स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज को अंतिम विदाई
हजारों नम आंखों ने दी स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज को अंतिम विदाई

सच्ची भक्ति सेवा और परोपकार में निहित

उनका विचार था कि सच्ची भक्ति सेवा और परोपकार में निहित है। उन्होंने सदैव अपने अनुयायियों को प्रेम, शांति और करुणा का संदेश दिया। उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों को जीवन में सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।

स्वामी जी के निधन पर विभिन्न धार्मिक संगठनों, आध्यात्मिक गुरुओं और समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उनके अनुयायी उन्हें सच्चे गुरु और मार्गदर्शक के रूप में सदैव याद रखेंगे। स्वामी जी के निधन पर डेली संवाद परिवार श्रद्धांजलि अर्पित करता है।




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