डेली संवाद, चंडीगढ़। Study In Abroad: भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका (America), ब्रिटेन (Britain), कनाडा (Canada) जैसे देशों में पढ़ाई करना मुश्किल हो गया है। इसका एक मुख्य कारण यह है कि इन देशों में वीजा नियमों में बड़े बदलाव हुए हैं।
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कुछ जगहों पर छात्रों की संख्या सीमित कर दी गई है तो कुछ जगहों पर वीजा (Visa) की ज़रूरतें बढ़ा दी गई हैं जिसके कारण छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसी के चलते अब भारतीय छात्र ऐसे देश में पढ़ाई करना चाहते हैं जहां उन्हें इन सभी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
इस समस्या का समाधान न्यूजीलैंड (New Zealand) ने किया है, जो छात्रों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बन गया है। न्यूजीलैंड में छात्रों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। वर्तमान सरकार और विश्वविद्यालय भी छात्रों को आकर्षित करने के लिए स्कॉलरशिप लेकर आ रहे हैं।
वीजा नियमों को बनाया आसान
इसके साथ ही वीजा नियमों (Visa Rules) को आसान बना दिया गया है और अध्ययन के बाद वर्क वीजा (Work Visa) की अवधि भी बढ़ा दी गई है। हाल ही में न्यूजीलैंड उत्कृष्टता पुरस्कार 2025 की घोषणा की गई, जिसके तहत भारतीय छात्रों को 29 छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएंगी। इन स्कॉलरशिप के जरिए छात्र स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर सकेंगे।
स्कॉलरशिप का मूल्य 5000 से 20000 न्यूजीलैंड डॉलर
बता दे कि स्कॉलरशिप (Scholarship) का मूल्य 5000 से 20000 न्यूजीलैंड डॉलर (2.5 से 10 लाख रुपये) तक है। इतना ही नहीं, यहां के कई विश्वविद्यालय प्रवेश पाने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान करते हैं, ताकि उनका पढ़ाई का खर्च कम हो और वे यहां आकर पढ़ाई कर सकें।
3 हफ्ते में मिलता वर्क वीजा
न्यूज़ीलैंड की वीज़ा नीति और पढ़ाई के बाद काम करने के लिए मिलने वाले वर्क वीज़ा (Work Visa) के कारण भारतीय भी यहां प्रवेश पा रहे हैं। यहां ग्रेजुएशन के बाद छात्रों को 3 हफ्ते में ही पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा (Post Study Work Visa) मिलता है, जो उन्हें 3 साल तक देश में काम करने की अनुमति देता है।