डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab & Haryana Water Dispute: आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा हरियाणा को 8,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने के फैसले का कड़ा विरोध किया है। आप सांसद कंग ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दबाव में लिया गया यह फैसला पूरी तरह गैर-कानूनी और पंजाब के अधिकारों पर सीधा हमला है।
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आप सांसद मलविंदर सिंह कंग ने इस कदम को घोर अन्याय बताया और कहा कि यह फैसला राज्य की भावी पीढ़ी को खतरे में डालने वाला है। कंग ने भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू को इस मुद्दे पर एक पत्र लिखा और इसे पंजाब के संसाधनों की “दिनदहाड़े लूट” बताया। उन्होंने इस मामले पर बिट्टू चुप्पी पर भी सवाल उठाया।
बीबीएमबी का फैसला सिर्फ एक प्रशासनिक आदेश नहीं
अपने पत्र में कंग ने कहा कि बीबीएमबी का फैसला सिर्फ एक प्रशासनिक आदेश नहीं है- यह पंजाब की जीवनरेखा पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने पहले ही अपने हिस्से का पानी निकाल लिया है लेकिन भाजपा ने बीबीएमबी को पंजाब का पानी हरियाणा को सौंपने के लिए मजबूर किया है, जिससे हमारे किसान और नागरिक गंभीर जल संकट के जोखिम में पड़ गए हैं। यह पंजाब के 3.5 करोड़ लोगों के साथ धोखा है।”
उन्होंने कहा कि बीबीएमबी हर साल 21 मई से अगले 20 मई तक पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच पानी का वितरण करता है। लेकिन हरियाणा ने 31 मार्च, 2025 तक ही अपना पूरा हिस्सा खत्म कर लिया। अब वह पंजाब से जबरदस्ती रोजाना 4,000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी की मांग कर रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने हरियाणा को पेयजल की जरूरतों को पूरा करने के लिए मानवीय आधार पर कुछ पानी देने की अनुमति दी, लेकिन भाजपा ने बीबीएमबी को हरियाणा को अतिरिक्त 8,500 क्यूसेक पानी देने के लिए मजबूर किया।
यह कदम पूरी तरह गैरकानूनी और अस्वीकार्य
यह कदम पूरी तरह गैरकानूनी और अस्वीकार्य है। कंग ने कहा, “हमारे जलाशय – भाखड़ा, पोंग और रंजीत सागर डैम पहले से ही खतरनाक रूप से निम्न स्तर पर हैं और राज्य भर में भूजल स्तर भी घट रहा है। इसलिए पंजाब के किसानों के लिए पानी का एक एक बूंद महत्वपूर्ण है। फिर भी, भाजपा हरियाणा को खुश करने के लिए पंजाब की जरूरतों को दांव पर लगा रही है।”
कंग ने कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू पर पंजाब के बजाय अपनी पार्टी की राजनीति को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “बिट्टू की निष्क्रियता इस बारे में गंभीर सवाल उठाती है कि वह पंजाब के साथ खड़े हैं या भाजपा के तानाशाही हुक्म के आगे झुक गए हैं। उन्हें पंजाब के लोगों को जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हरियाणा पहले ही अपने आवंटित हिस्से का 103 प्रतिशत उपयोग कर चुका है जबकि पंजाब ने केवल 89 प्रतिशत ही उपयोग किया है। इसके बावजूद पंजाब ने हरियाणा को समर्थन दिया, लेकिन भाजपा के ताजा फैसले ने सारी हदें पार कर दी।
कंग ने कहा कि पंजाब के किसान और लोग इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पंजाब का इतिहास अपने संसाधनों और अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्षों से भरा पड़ा है। आज भी हम ऐसी ही चुनौती का सामना कर रहे हैं। हम इस फैसले का विरोध करेंगे।