Punjab-Haryana Water Dispute: ‘आप’ ने पंजाब के अधिकारों के खिलाफ भाजपा की साजिश की सख्त शब्दों में की निंदा

Muskan Dogra
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab-Haryana Water Dispute: पंजाब (Punjab) के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब के किसानों और पंजाब के संसाधनों के खिलाफ साजिश के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कड़ी निंदा की। चल रहे जल-बंटवारे विवाद पर बोलते हुए चीमा ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पंजाब को धोखा देने और पंजाब को उसके उचित हिस्से से वंचित करने का आरोप लगाया।

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चीमा ने राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा में पंजाब के अद्वितीय योगदान का जिक्र किया और बताया कि केन्द्रीय पूल में 50 प्रतिशत से अधिक गेहूं तथा 22 प्रतिशत से ज्यादा चावल पंजाब से आता है। पंजाब के किसानों ने राष्ट्र को भोजन उपलब्ध कराने के लिए निस्वार्थ भाव से अपने भूजल और संसाधनों का बलिदान दिया है। आज, हरित क्रांति को समर्थन देने के लिए भूजल के अत्यधिक दोहन के कारण पंजाब के 153 में से 115 क्षेत्रों को ‘डार्क जोन’ घोषित कर दिया गया है।

मंत्री चीमा ने कहा कि राजस्थान और हरियाणा ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) से आवंटित जल हिस्सेदारी की सीमा पार कर ली है। राजस्थान: 3.398 एमएएफ आवंटित, 3.738 एमएएफ खपत (10% अधिक)। हरियाणा: 2.987 एमएएफ आवंटित, 3.091 एमएएफ खपत (3% अधिक)। वहीं पंजाब: 5.512 एमएएफ आवंटित, और खर्च केवल 4.925 एमएएफ (89% उपयोग) किया है।

बीबीएमबी पर दबाव डाला जा रहा

चीमा ने भाजपा नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि पंजाब के संयमित उपयोग और गंभीर जल संकट की अनदेखी करते हुए हरियाणा के लिए अतिरिक्त पानी जारी करने के लिए बीबीएमबी पर दबाव डाला जा रहा हैं। चीमा ने पंजाब के जल अधिकारों की रक्षा के लिए आप सरकार के अडिग रुख की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “पंजाब अपने हक का एक भी बूंद पानी हरियाणा को नहीं देगा। हमारे किसान पहले से ही घटते भूजल स्तर से जूझ रहे हैं और अब संसाधनों का और अधिक दोहन पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा।”




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