डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के शिक्षा एवं सूचना और लोक संपर्क मंत्री, हरजोत सिंह बैंस ने प्रख्यात विद्वान एवं पद्मश्री पुरस्कार विजेता डॉ. रतन सिंह जग्गी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। पंजाबी एवं हिंदी साहित्य जगत में ख्याति प्राप्त करने वाले डॉ. जग्गी का आज 98 वर्ष की उम्र में संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया।
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उनके परिवार में पत्नी डॉ. गुरशरण कौर जग्गी (Dr. Ratan Singh Jaggi) (सेवामुक्त प्रिंसिपल, सरकारी कॉलेज फॉर विमेन पटियाला) और पुत्र मालविंदर सिंह जग्गी (सेवामुक्त आई.ए.एस.) हैं।
कई व्यक्तियों को प्रेरित किया और स्थायी प्रभाव छोड़ा
अपने शोक संदेश में, हरजोत सिंह बैंस (Harjot Singh Bains) ने डॉ. रतन सिंह जग्गी के मध्यकालीन साहित्य में डाले उत्कृष्ट योगदान की प्रशंसा की। पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के पंजाबी साहित्य अध्ययन विभाग के पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. जग्गी को अनेक पुरस्कार मिले, जिनमें पद्मश्री (2023), साहित्य अकादमी पुरस्कार (1989) और पंजाबी साहित्य शिरोमणि पुरस्कार शामिल हैं, जो उनकी अकादमिक उत्कृष्टता और साहित्य के प्रति समर्पण का प्रमाण हैं। उनके समर्पण एवं लगन ने कई व्यक्तियों को प्रेरित किया और स्थायी प्रभाव छोड़ा।
शिक्षा मंत्री ने डॉ. जग्गी के परिवार एवं सगे-संबंधियों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पंजाब ने साहित्यिक जगत का रत्न खो दिया है, जिसके कारण साहित्य में एक बड़ी शून्यता आ गयी है, जिसे भरना मुश्किल है। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी। उन्होंने परमात्मा से प्रार्थना की कि वह दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान प्रदान करें और परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।