Aaj ka Panchang: आज मासिक शिवरात्रि का शुभ अवसर, व्रत रख कर करें भगवान शिव जी की पूजा; जाने पंचांग

Mansi Jaiswal
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डेली संवाद, जालंधर। Aaj ka Panchang 25 May 2025: आज 25 मई 2025 की तारीख है, दिन है रविवार (Sunday)। आज यानी 25 मई रविवार के दिन ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। आज के दिन मासिक शिवरात्रि का शुभ अवसर भी है। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 25 मई को दोपहर 3 बजकर 51 मिनट से लेकर 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट तक रहेगी।

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वास्तव में मासिक शिवरात्रि की पूजा मध्य रात में की जाती है। लिहाजा, ऐसे में ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि का व्रत रविवार 25 मई को किया जाएगा। पूजा का मुहूर्त रात 11 बजकर 58 मिनट से रात 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। भगवान शिव (Lord Shiva) का अभिषेक आप दूध, दही और गंगाजल से कर सकते हैं।

Lord shiv

मासिक शिवरात्रि पर गन्ने के रस से भी शिवलिंग का अभिषेक कर सकते हैं। इसके बाद शिव पंचाक्षर मंत्र, शिव चालीसा या शिव जी की आरती करें। पंचांग के अनुसार, इस तिथि पर बहुत से शुभ और अशुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में आईए पंडित प्रमोद शास्त्री से जानते हैं आज का (Aaj ka Panchang 25 May 2025) पंचांग।

आज का पंचांग (Panchang 25 May 2025)

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की तिथि- त्रयोदशी दोपहर 03:51 बजे तक

संवत् – 2082

नक्षत्र – अश्विनी

योग – सौभाग्य प्रात: 11:07 बजे तक

करण- वणिज दोपहर 03:51 बजे तक, विष्टि प्रात: 02:01, 26 मई

वार – रविवार

ऋतु – ग्रीष्म

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय- सुबह 5 बजकर 26 मिनट पर

सूर्यास्त- शाम 7 बजकर 11 मिनट पर

चंद्रोदय- सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर, 26 मई

चंद्रास्त- शाम 05 बजकर 22 मिनट पर, 26 मई

शुभ समय

अभिजीत मुहूर्त – प्रात: 11:51 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक

अशुभ समय

राहुकाल – शाम 05:28 बजे से शाम 07:11 बजे तक

गुलिक काल – दोपहर 03:45 बजे से दोपहर 05:28 बजे तक

यमगंडा – दोपहर 12:18 बजे से दोपहर 02:01 बजे तक

आज के नक्षत्र के बारे में जानिए

आज चंद्रदेव अश्विनी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। अश्विनी नक्षत्र प्रात: 11:12 बजे तक रहेगा।

सामान्य विशेषताएं: इस नक्षत्र में जन्मे जातक साहसी, यात्रा करने का शौकीन, सुंदर, मजबूत, स्वस्थ, साहसी, भावुक, अधीर, आक्रामक और कभी-कभी चिड़चिड़े होते हैं।

शासक ग्रह: केतु

राशि स्वामी: मंगल

देवता: अश्विनी कुमार

प्रतीक: घोड़े का सिर




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