Punjab News: मान सरकार बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध

Mansi Jaiswal
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Bhagwant Mann CM Punjab

डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व वाली सरकार बच्चों के कल्याण और सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अनाथ और बेसहारा बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया किशोर न्याय अधिनियम-2015 के अनुसार कानूनी तरीके से पूरी की जाए, ताकि बच्चों को एक सुरक्षित, प्यार भरा और सम्मानजनक वातावरण मिल सके।

DR. Baljit Kaur Punjab Government
DR. Baljit Kaur Punjab Government

0 से 18 साल तक के हर बच्चे के जीवन की…

सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि 0 से 18 साल तक के हर बच्चे के जीवन की रक्षा करना और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं उपलब्ध कराना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हर बच्चा सुरक्षित, प्यार भरे और सम्मानजनक वातावरण का हकदार है। इसलिए यह आवश्यक है कि गोद लेने की प्रक्रिया हमेशा कानूनी तरीके से की जाए ताकि बच्चे के भविष्य, उसके अधिकारों और कानूनी सुरक्षा को पूरी तरह से सुनिश्चित किया जा सके।

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कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि अक्सर यह देखने में आया है कि अविवाहित माताएं या ऐसे माता-पिता जो बच्चों को अपने पास रखने में असमर्थ हैं और बच्चों को सौंपना या गोद देना चाहते हैं, वे सबसे पहले अस्पताल, नर्सिंग होम या डॉक्टर से संपर्क करते हैं।

गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी होना ज़रूरी है

इसके अलावा, जो माता-पिता बच्चों को गोद लेना चाहते हैं, वे भी इन्हीं से संपर्क करते हैं। इसलिए यह बहुत ज़रूरी हो जाता है कि जितनी भी स्वास्थ्य संबंधी संस्थाएं (सरकारी/निजी) और डॉक्टर काम कर रहे हैं, उन्हें बच्चे को सौंपने या गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी होना ज़रूरी है, ताकि किसी भी तरह के अवैध गोद लेने को रोका जा सके और बच्चों के हितों की रक्षा करते हुए उन्हें तस्करी या शोषण के जोखिमों से बचाया जा सके।

गोद लेने की प्रक्रिया को गंभीरता से लेते हुए, जारी निर्देशों का पालन करने के लिए डॉ. बलजीत कौर ने राज्य के सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों को हिदायत दी कि यदि उनके पास ऐसे माता-पिता/बच्चे आते हैं, तो उनकी जानकारी 24 घंटे के भीतर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098/निकटतम पुलिस स्टेशन/बाल कल्याण कमेटी/जिला बाल संरक्षण इकाई या पंजीकृत चाइल्ड केयर को दी जाए, ताकि एक कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया में शामिल किया जा सके।

नई दिल्ली की वेबसाइट पर उपलब्ध

डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि यदि किसी भी सरकारी या निजी संस्थान द्वारा कानूनी गोद लेने की प्रक्रिया का उल्लंघन किया जाता है और बच्चे को अवैध तरीके से गोद लेने की प्रक्रिया में शामिल किया जाता है या जानकारी को गुप्त रखा जाता है, तो इस संबंध में उन्हें 6 महीने की सजा या 10 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया की जानकारी विभाग की वेबसाइट www.sswcd.punjab.gov.in पर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि बच्चे को कानूनी तरीके से गोद लेने की जानकारी कारा नई दिल्ली की वेबसाइट carings.wcd.gov.in पर भी उपलब्ध है।




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