डेली संवाद, चंडीगढ़। Haryana News: सरकार ने सिंचाई विभाग में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन किया है। सिंचाई मंत्री ने 80 अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट की सिफारिश की है। इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही बरतने के आरोप हैं। आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट में JE, SDO और XEN के भी नाम शामिल हैं।
अनुशासनात्मक कार्रवाई
इन अफसरों के खिलाफ रूल-7 के तहत चार्जशीट की गई है। वहीं, इनमें 7 से 8 SE भी हैं, जिन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। 2 चीफ इंजीनियरों के खिलाफ भी कड़ा एक्शन लिया गया है। हालांकि, इन अधिकारियों के नाम अभी विभाग की ओर से सार्वजनिक नहीं हुए हैं।
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हरियाणा (Haryana) की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी (Shruti Chaudhary) ने कहा कि अभी अधिकारियों की लिस्ट में 70 नाम हैं। सिंचाई विभाग की रोहतक और पंचूकला विजिलेंस विंग की जांच अभी जारी है। इस जांच में 10 और भ्रष्ट अधिकारियों के नाम शामिल हो सकते हैं। इसके बाद इनकी संख्या 80 हो जाएगी।
कार्रवाई का ये है कारण
सिंचाई विभाग में इन अफसरों के खिलाफ की गई कार्रवाई के पीछे बड़ा कारण सामने आया है। नोटिस में बताया गया है कि हाल ही में विभाग की ओर से विभिन्न निर्माण स्थलों से कंस्ट्रक्शन सैंपल लिए गए थे, जो जांच में फेल हो गए। गुणवत्ता जांच में पाया गया कि निर्माण कार्यों में अधिकारियों ने लापरवाही बरती है और संभावित रूप से भ्रष्टाचार हुआ है। इसके बाद सरकार की ओर से यह कार्रवाई की गई।
नोटिस में बताया गया है कि सरकार की ओर से सॉलिड कंकरीट के नमूनों के परीक्षण के मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने के लिए एक समिति गठित की गई थी। समिति ने नमूने एकत्रित किए और उनका परीक्षण किया।
कंकरीट के नमूने सभी मानकों पर फेल
इसके बाद मामले में इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गई। रिपोर्टों और दस्तावेजों की जांच में कमेटी ने पाया कि सॉलिड कंकरीट के नमूने सभी मानकों पर फेल हुए। इससे राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ है। सबसे हैरानी की बात यह है कि इस नुकसान का अधिकारियों की ओर से कोई विश्लेषण भी नहीं किया गया।