डेली संवाद, अमृतसर। Punjab News: पंजाब के मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) और दिल्ली के पूर्व मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज ‘ईजी जमाबंदी’ पोर्टल की शुरुआत की, जिसके साथ पंजाब ने अपने नागरिकों को भ्रष्टाचार मुक्त, सुचारू, परेशानी रहित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने में सफलता का नया मुकाम हासिल किया है।
भ्रष्टाचार को उखाड़ने के लिए एक कदम उठाया
दोनों नेताओं ने कहा कि इस पहल के साथ राजस्व विभाग की प्रमुख सेवाओं को प्रदान करने की प्रक्रिया से भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए एक और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। इन सेवाओं से हर साल लाखों लोगों का सीधा संबंध होता है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले पंजाब ने ‘ईजी रजिस्ट्री’ की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य संपत्ति रजिस्ट्री को सरल और पारदर्शी बनाना तथा भ्रष्टाचार को पूरी तरह समाप्त करना है।
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भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने मोहाली में ‘ईजी रजिस्ट्री’ का उपक्रम शुरू किया था और यह लोगों के लिए बड़ी सफलता साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले महीने पूरे जिले से भ्रष्टाचार की एक भी शिकायत दर्ज नहीं हुई, जो इस पहल की शानदार सफलता को दर्शाता है। दोनों नेताओं ने कहा कि इस ‘ईजी रजिस्ट्री’ को 15 जुलाई तक पूरे पंजाब में लागू कर दिया जाएगा।
दोनों नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब के लोगों से भ्रष्टाचार मुक्त शासन का वादा किया था और आज यहां से शुरू हुआ ‘ईजी जमाबंदी’ पोर्टल का क्रांतिकारी प्रयास हमारी सरकार की ईमानदारी, नेक नीयत, पारदर्शिता और जन-हितैषी उपक्रमों को दर्शाता है। भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह पोर्टल लोगों को पांच प्रमुख सेवाएं प्रदान करेगा, जिनमें व्हाट्सएप पर जमाबंदी प्राप्त करना, इंतकाल करवाना, रपट एंट्री और फर्द बदर (भूमि रिकॉर्ड में सुधार) के लिए ऑनलाइन सेवाएं शामिल हैं।
इसका विस्तार से उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप के माध्यम से जमाबंदी प्राप्त करने का निर्णय लोगों को बड़े पैमाने पर सुविधा प्रदान करेगा, क्योंकि हर साल 40 लाख लोगों को भूमि रिकॉर्ड की फर्द (जमाबंदी) प्राप्त करने के लिए या तो अपने पटवारी के पास चक्कर काटने पड़ते थे या फर्द केंद्रों पर जाना पड़ता था।
हालांकि, दोनों नेताओं ने कहा कि अब भूमि रिकॉर्ड के लिए पटवारी के पास जाने, कतारों में खड़े होने या रिश्वत देने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि लोगों को केवल ‘ईजी वेबसाइट’ पर जाकर अपने विवरण दर्ज करने हैं और उन्हें जमाबंदी की प्रति मुफ्त में मिल जाएगी। भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस जमाबंदी पर डिजिटल हस्ताक्षर होंगे और इसमें क्यूआर कोड भी होगा, जिसके माध्यम से कोई भी भूमि रिकॉर्ड की सत्यता की जांच के लिए क्यूआर कोड को स्कैन कर सकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब के 99 प्रतिशत गांवों के भूमि रिकॉर्ड को डिजिटाइज कर दिया है, सभी भूमि रिकॉर्ड इस सेवा के माध्यम से प्राप्त किए जा सकते हैं और साथ ही बचे हुए गांवों को भी अगले दो महीनों में डिजिटाइज कर दिया जाएगा। ऑनलाइन इंतकाल सेवा के बारे में विवरण देते हुए दोनों नेताओं ने कहा कि हर साल आठ लाख इंतकाल होते हैं, जिनमें 6 लाख भूमि रजिस्ट्री के बाद और 2 लाख वंशानुगत इंतकाल शामिल हैं।
भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भूमि खरीदने या वंशानुगत संपत्ति की मालिकाना हक के लिए इंतकाल के लिए महीनों तक भागदौड़ करनी पड़ती थी और बड़ी बाधाएं आती थी। उन्होंने कहा कि अब पटवारी लोगों के रास्ते में रोड़ा नहीं बन सकते और न ही इस काम के लिए किसी को रिश्वत देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि कोई अपनी भूमि की रजिस्ट्री करवाता है, तो इसका इंतकाल स्वतः 30 दिनों के भीतर हो जाएगा।
वंशानुगत भूमि के मामले में आवेदक ‘ईजी जमाबंदी’ वेबसाइट पर इंतकाल के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं और 30 दिनों के निर्धारित समय के भीतर इंतकाल हो जाएगा। इस बारे में उन्हें पूरी प्रक्रिया के प्रत्येक चरण का व्हाट्सएप के माध्यम से अपडेट मिलेगा।