डेली संवाद, मोहाली। Punjab News: पंजाब (Punjab) की मोहाली साइबर क्राइम (Mohali Cyber Crime) पुलिस ने एक इंटरनेशनल साइबर ठगी गैंग का पर्दाफाश किया है, जो किराए के फ्लैट से फर्जी कंपनी बनाकर ऑपरेट कर रहा था। शुरुआती जांच में 6 महीने में करीब 30 करोड़ रुपए की ठगी का अनुमान लगाया गया है। पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
टेरर फंडिंग में फंसाने डर
आरोपियों से 12 लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन और एक नई स्कॉर्पियो जब्त की गई है। आरोपी खुद को बैंक या रेवेन्यू विभाग का अधिकारी बताकर लोगों को फंसाते थे। गैंग के सदस्य जम्मू-कश्मीर, मुंबई, आंध्र प्रदेश, वेस्ट बंगाल और अरुणाचल प्रदेश से हैं। पुलिस का दावा है कि आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

मोहाली (Mohali) पुलिस के मुताबिक ये लोग पहले डेटा इकट्ठा करके ब्लॉक में मैसेज भेजते थे। लोगों को बताया जाता था कि उनके खाते से बिटकॉइन खरीदा गया है। यह बिटकॉइन किसी गैरकानूनी काम में इस्तेमाल हो सकता है। इसे मनी लॉन्ड्रिंग या टेरर फंडिंग में प्रयोग किया जा सकता है।
खुद को बैंक या राजस्व अधिकारी बताते थे
ये लोग खुद को बैंक या राजस्व अधिकारी बताते थे। फिर लोगों को यह सुझाव दिया जाता था कि अगर वे इस बिटकॉइन को गिफ्ट या अन्य चीज़ों में बदलवा लेंगे, तो आसानी से बच सकते हैं। जैसे ही लोग इनकी बातों में आकर अपने अकाउंट की जानकारी इन्हें सौंप देते थे, ये लोग सारा खेल शुरू कर देते थे।
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पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह मोहाली के अलावा किसी अन्य देश से भी संचालित हो रहा था। यह गिरोह पूरी तरह से एक कंपनी की तरह काम करता था। इसमें काम करने वाले लोग अंग्रेजी, पंजाबी और हिंदी भाषा में अच्छी तरह से बातचीत कर सकते थे।
इंटरनेशनल कॉल करते थे
सभी की उम्र 25 साल से अधिक थी और वे सभी पढ़े-लिखे ग्रेजुएट थे। इस गिरोह का मास्टरमाइंड स्थानीय डेटा उपलब्ध करवाता था। ये लोग अंतरराष्ट्रीय कॉल्स करते थे और उनका कामकाज शाम 9 बजे से रात 2 बजे तक चलता था।
पुलिस का कहना है कि इनके लैपटॉप से काफी डेटा मिला है। पता चला है कि यह सैलरी का नकद भुगतान करता था। इंटरनेशनल कॉल करते थे। इसके अलावा पुलिस के हाथ कई इनपुट मिले थे। यह पहला मौका नहीं, इससे पहले भी मोहाली पुलिस ने सौ करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा कर कई लोगों को पकड़ा था। लेकिन सभी को बाद में आसानी से जमानत मिल गई थी।







