डेली संवाद, कनाडा। Canada-India Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की कनाडा (Canada) यात्रा के दौरान खालिस्तानियों (Khalistani) के हिंसक विरोध प्रदर्शन ने भारतीय एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह पहली बार है जब खालिस्तानियों के समर्थन में इतनी बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे हैं।
रिश्तों में बढ़ सकता तनाव
इस बीच, कनाडा (Canada) ने भी पहली बार माना है कि खालिस्तानी (Khalistani) वहां से अलग देश बनाने की मुहिम चला रहे हैं। वहीं, विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि खालिस्तानियों की गतिविधियों से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है।
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दरअसल, कनाडा (Canada) की शीर्ष खुफिया एजेंसी सीएसआईएस (Canadian Security Intelligence Service ) ने अपनी 2024 की वार्षिक रिपोर्ट में पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि कनाडा (Canada) में खालिस्तानी भारत के भीतर एक अलग राज्य हासिल करने के लिए सक्रिय हैं।
वे भारत में सशस्त्र संघर्ष, धन उगाही और योजना बनाने के लिए कनाडा की धरती का इस्तेमाल करते हैं। कनाडा (Canada) के इस खुलासे से भारतीय एजेंसियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इस रिपोर्ट की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कनाडा (Canada) ने पहली बार ‘आतंकवाद’ शब्द का प्रयोग करके खालिस्तान आंदोलन को आतंकवादी संदर्भ में स्वीकार किया है।
आपको बता दें कि भारत कई वर्षों से दावा करता रहा है कि हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) जैसे खालिस्तान समर्थक नेता, जिसकी 2023 में हत्या कर दी गई थी, कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों में खुले तौर पर शामिल रहे हैं। अब जबकि सीएसआईएस ने आधिकारिक तौर पर भारतीय चिंताओं की पुष्टि कर दी है, तो भारत सरकार इसे अपनी कूटनीतिक स्थिति के औचित्य के रूप में प्रस्तुत कर सकती है।