डेली संवाद, नई दिल्ली। Doomsday Fish: हाल के महीनों में, एक रहस्यमय गहरे समुद्र की मछली, ओरफिश, जिसे “प्रलय मछली” के रूप में भी जाना जाता है, कई महाद्वीपों पर असामान्य उपस्थिति के कारण दुनिया भर में देखी गई है। प्रलय की मछली के नाम से जानी जाने वाली ओअरफिश (Doomsday Fish Oarfish) गहरे समुद्र में पाई जाती है।
प्रलय दिवस मछली क्या है?
एक पुरानी जापानी मान्यता के अनुसार, ओरफिश को प्रलय दिवस मछली कहा जाता है क्योंकि सतह के पास इसकी उपस्थिति को प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी माना जाता है। या सरल भाषा में कहे तो इसे दुर्भाग्य का संकेत माना जाता है। सामान्य तौर पर यह समुद्र में 200 से 1000 फीट नीचे मिलती हैं। मगर, मई 2025 से अब तक ओअरफिश मछली (Oarfish sighting) को चार बार सतह पर देखा गया है।
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इससे पूरी दुनिया में चिंता फैल गई है। दरअसल, इस मछली को जब भी सतह में देखा जाता है, तो प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकंप, सुनामी (tsunami omen), अकाल या युद्ध जैसी घटनाएं सामने आती हैं। इस मछली के दिखने से आम जनता और वैज्ञानिक समुदाय दोनों की जिज्ञासा जगा दी है। हालांकि, वैज्ञानिक समुदाय के लोग सतह पर इन मछलियों के आने के संभावित कारण तलाश रहे हैं। मगर, इंटरनेट मीडिया में चर्चा हो रही है कि क्या ओअरफिश का दिखना भविष्य के लिए संभावित चेतावनी संकेत हो सकता है।
The rarely seen oarfish, which usually are in deep-sea, which is also known as ‘Doomsday’ fish is caught in the net in TamilNadu pic.twitter.com/8N4TTNyDec
— Aryan (@chinchat09) June 16, 2025
इस साल पहली बार तमिलनाडु में दिखी थी
इस मछली को पहली बार भारत के राज्य तमिलनाडु (Tamil Nadu discovery) में मई में देखा गया था। करीब 7 मछुआरों ने करीब 30 फीट यानी 9 मीटर लंबी एक विशाल ओअरफिश को पकड़ा था। इसके वीडियो के वायरल होने के बाद से दुनिया भर में इस मछली के अजीब दिखने का सिलसिला शुरू हो गया है।
इसके बाद 2 जून को तस्मानिया के पश्चिमी तट पर 3 मीटर लंबी ओरफिश देखी गई। तब इसकी तस्वीरें ऑनलाइन होने के बाद ओअरफिश और प्राकृतिक आपदा से जुड़ी चर्चाएं तेज होने लगीं। फिर न्यूजीलैंड के तटों पर दो ओरफिश मिलने से चिंता और बढ़ गई क्योंकि इसमें से एक ओअरफिश का सिर नहीं था।
कैलिफोर्निया में 2024 में आया भूकंप
सैन डिएगो के पास 10 अगस्त 2024 को 12 फीट लंबी एक ओरफिश देखी गई। प्रलय की मछली को 1901 के बाद से इस क्षेत्र में केवल 20 बार देखा गया है। इसे वहां भी अपशकुन माना जाता है। कहते हैं कि इसे देखने का मतलब सुनामी या भूकंप का खतरा होना है। दो दिन बाद लॉस एंजिल्स में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया था।
2011 में सुनामी से हिल गया था जापान
जापान में इस मछली को देखना अपशकुन माना जाता है। प्रलय की मछली की सबसे चर्चित घटना जापान में साल 2011 के भयानक भूकंप और सुनामी से जुड़ी हुई है। oceanconservancy की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा से पहले 20 ओअरफिश समुद्र किनारे मरी हुई मिली थीं। इसके बाद वहां 9 तीव्रता के भूकंप के बाद विशाल सुनामी आई थी।
जापान में यह लहरें तट से 10 किलोमीटर अंदर तक आ गई थीं। जिसके कारण चार लाख से अधिक लोगों को अपने घर खाली करने पड़े थे। वहीं, करीब 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। साथ ही फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में भूकंप के 24 घंटे बाद एक विस्फोट हुआ, जिसके बाद हालात और भी खराब हो गए थे।
जापान में 5 जुलाई को लेकर डरे हैं लोग
इस घटना के बाद से यह विश्वास और मजबूत हुआ कि भूगर्भीय हलचलों से ओअरफिश का कोई रहस्यमय रिश्ता हो सकता है। हाल ही में जापानी बाबा वेंगा के नाम से मशहूर रयो तातसुकी ने भविष्यवाणी की थी कि 5 जुलाई 2025 को जापान और फिलीपींस के बीच समुद्र में एक बड़ी दरार बनेगी।
इसके कारण एक विनाशकारी सुनामी आएगी, जो साल 2011 की विनाशकारी तोहोकू सुनामी से तीन गुना ऊंची होगी। इसके बाद से ओअरफिश के देखे जाने का सिलसिला शुरू होना कहीं किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा के आने का संकेत तो नहीं है।
ओरफिश क्या होती है?
ओरफिश लंबी रिबन जैसी मछली होती है। यह मुख्यरूप से समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय महासागरों में गहरे पानी में पाई जाती हैं। discoverwildlife.com के अनुसार, यह सबसे लंबी बोनी मछली हैं, जिनकी लंबाई लगभग 30 फीट तक होती है। इनका वजह 300 किलोग्राम तक हो सकता है।
ज्यादातर प्लवक और क्रस्टेशियन जैसे छोटे जलीय जीवों को खाती हैं और इंसानों के लिए कोई खतरा नहीं हैं।उनके तैरने की कला भी खासी निराली है। ओरफिश तैरने के लिए अपने पंख को रिबन की तरह लहराती हैं और पानी में लंबवत यानी सीधे ऊपर से नीचे की ओर गहराई में गोता लगा सकती हैं। उनका शरीर प्रकाश को परावर्तित करता है, जिससे वे अपने आस-पास के पानी में घुलमिल जाती हैं। लिहाजा, शिकारियों के लिए उन्हें दूर से देखना मुश्किल हो जाता है।