Aaj ka Panchang: आज माता लक्ष्मी जी की करें पूजा, धन-दौलत और सौभाग्य की होगी प्राप्ति; पढ़ें पंचांग

Mansi Jaiswal
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Aaj Ka Panchang

डेली संवाद, जालंधर। Aaj ka Panchang 20 June 2025: आज 20 जून 2025 की तारीख है, शुक्रवार (Friday) का दिन है। आज शुक्रवार का दिन है। यह माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं।

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उन्हें धन-दौलत, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। ऐसे आईए जानते हैं आज के शुभ-अशुभ मुहूर्त (Aaj ka Panchang 20 June 2025) के बारे में।

Puja Path
Puja Path

आज का पंचांग- Aaj Ka Panchang

सूर्य राशि – मिथुन

चंद्र राशि – मीन

पक्ष – कृष्ण

तिथि – नवमी प्रात: 09:49 बजे तक

योग – शोभना रात्रि 11:47 बजे तक

करण – गरज प्रात: 09:49 बजे तक

करण – वनिज रात्रि 08:36 बजे तक।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 22 मिनट पर

चन्द्रोदय – दोपहर 01 बजकर 29 मिनट पर

चंद्रास्त – देर रात 01 बजकर 56 मिनट पर

शुभ मुहूर्त

अभिजीत – सुबह 11:55 बजे से दोपहर 12:51 बजे तक

अमृत काल – शाम 07:30 बजे से रात्रि 09:00 बजे तक।

अशुभ समय

गुलिक काल – सुबह 07:08 बजे से प्रात: 08:53 बजे तक

यमगंडा – दोपहर 03:52 बजे से शाम 05:37 बजे तक

राहु काल – सुबह 10:38 बजे से दोपहर 12:23 बजे तक

Lord laxmi
Lord laxmi

आज का नक्षत्र

आज चंद्रदेव रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।

रेवती नक्षत्र – रात्रि 09:45 बजे तक

सामान्य विशेषताएं – ईमानदार, आकर्षक व्यक्तित्व, विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण, आशावादी, सुंदर, सफल, बुद्धिमान, शिक्षित और मानवता में गहरी आस्था

नक्षत्र स्वामी – बुध

राशि स्वामी – बृहस्पति

देवता – पूसन (पोषणकर्ता)

प्रतीक – मछली

करें इन मंत्रों का जाप

1. दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
2. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
3. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।
4. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नमः
5. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:











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