डेली संवाद, लखनऊ। Lucknow Uzbekistan Girl Sex Racket: लखनऊ में डॉक्टर विवेक गुप्ता (Doctor Vivek Gupta) के फ्लैट से 2 विदेशी महिलाएं पकड़ी गईं। इनमें से एक के खिलाफ उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) से लुकआउट नोटिस भी जारी है। ये बिना वीजा और पासपोर्ट के भारत में रह रही थीं। महिलाओं की पहचान बदलने के लिए डॉक्टर ने उनकी प्लास्टिक सर्जरी की। इसके बाद से ये भारतीय बनकर यहां रह रही थीं।
सैक्स रैकेट के जुड़ा मामला
जानकाकरी के मुताबिक लखनऊ (Lucknow) के सुशांत गोल्फ सिटी (Sushant Golf City) थाना पुलिस ने ओमेक्स न्यू हजरतगंज (Omex New Hazratganj) की पांचवीं मंजिल के फ्लैट नंबर-527 में छापा मारा। यहां दो विदेशी महिलाएं रह रही थीं। उनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं था। महिलाओं ने पूछताछ में बताया कि वे उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) से हैं। उन्हें डॉ. विवेक गुप्ता (Doctor Vivek Gupta) ने फ्लैट में जगह दी थी।
पुलिस ने इस मामले में डॉक्टर विवेक (Doctor Vivek Gupta) समेत दर्जन भर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। घटना के बाद से डॉक्टर विवेक गुप्ता (Doctor Vivek Gupta) गायब हैं। उनके क्लिनिक के कर्मचारियों का कहना है कि वो शहर से बाहर हैं, सोमवार को लौंटेंगे। पुलिस का कहना है कि सेक्स रैकेट (Uzbekistan Girl Sex Racket) की जानकारी नहीं है। जांच चल रही है, इसके बाद ही कुछ साफ होगा।
लोला लेकर आई विदेशी लड़कियां
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लोला कायूमोवा नाम की उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) की महिला इन दोनों महिलाओं को भारत लेकर आई थी। उसने इन्हें अर्जुन राणा से मिलवाया था। अर्जुन के माध्यम से महिलाएं पत्रकारपुरम निवासी डॉक्टर विवेक के संपर्क में आईं।
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इसके बाद डॉक्टर विवेक ने दोनों की प्लास्टिक सर्जरी करके पहचान बदली। फिर दोनों डॉक्टर के फ्लैट में ही रहकर एक स्पा सेंटर में नौकरी करने लगीं। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि डॉक्टर ने अब तक प्लास्टिक सर्जरी करके कितने लोगों का चेहरा बदला है। विदेशी दस्तावेज न होने के चलते भारी रकम भी ली थी।
डॉक्टर महिलाओं के चेहरे में मामूली बदलाव करता था, जिससे वो विदेशी न लगें। इसी वजह से वे आसानी से यहां रह रही थीं। महिलाओं की गैंग लीडर उज्बेकिस्तान की लोला है। यहां उसने अर्जुन से शादी कर ली है। लखनऊ में चोरी-छिपे रह रही है।
पासपोर्ट और वीजा खो गए
दोनों महिलाओं ने पुलिस को बताया कि दो साल पहले भारत आने के बाद उनके पासपोर्ट और वीजा कहीं खो गए थे। इसकी पुलिस में शिकायत भी की थी। उस समय भी लोला कायूमोवा और त्रिजिन राज उर्फ अर्जुन राणा ने उनकी मदद की थी।
लोला कायूमोवा भारत में कई सालों से अवैध रूप से रह रही है। उसी के सहयोग से हम दोनों और हमारे अन्य साथी भारत आए। पुलिस यह पता लगा रही है कि लोला की मदद से कितने और लोग अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं।