डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रही अपनी मुहिम के दौरान पंजाब ग्रामीण बैंक से सम्बन्धित एक रिकवरी एजेंट जतिन्दर पाल पिपलानी को रिश्वत की दूसरी किश्त के तौर पर 50000 रुपए मांगने और लेने के दोष में गिरफ़्तार किया है।
2,00,000 रुपए की रिश्वत माँगी
आज यहाँ यह जानकारी देते हुये राज्य विजिलेंस ब्यूरो (Punjab Vigilance Bureau) के प्रवक्ता ने कहा कि यह गिरफ़्तारी अमृतसर के छेहरटा के एक निवासी द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत के बाद की गई है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता ने विजिलेंस ब्यूरो के पास पहुँच की है और बताया कि पंजाब ग्रामीण बैंक ने मकान कर्ज़े की अदायगी समय पर न करने के कारण उसकी जायदाद को ग़ैर-कारगुज़ारी संपत्ति घोषित कर दिया था और बकाया कर्ज़े की रकम की वसूली के लिए दोषी रिकवरी एजेंट को रिकवरी फाइल सौंपी दी थी।
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मुलजिम ने शिकायतकर्ता को धमकी दी थी कि वह पुलिस पार्टी के साथ मिल कर उसके घर पर ज़बरदस्ती कब्ज़ा कर लेगा और केस को उसके हक में निपटाने के लिए बैंक मैनेजर के नाम पर 2,00,000 रुपए की रिश्वत माँगी है। शिकायतकर्ता ने आगे कहा कि उक्त एजेंट उससे पहली किश्त के तौर पर 50,000 रुपए पहले ही ले चुका है और अब बैंक मैनेजर के लिए बाकी 1,50,000 रुपए रिश्वत की रकम देने के लिए दबाव डाल रहा है।
50000 रुपए लेते हुए गिरफ़्तार
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस शिकायत की प्राथमिक तस्दीक के बाद विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया जिस दौरान उक्त रिकवरी एजेंट को दो सरकारी गवाहों की हाज़िरी में शिकायतकर्ता से रिश्वत की दूसरी किश्त के तौर पर 50000 रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ़्तार कर लिया।
इस सम्बन्ध में विजिलेंस ब्यूरो के पुलिस थाना, अमृतसर रेंज में उक्त मुलजिम के विरुद्ध भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। दोषी को कल समर्थ अदालत में पेश किया जायेगा और इस मामले की और जांच के दौरान बैंक मैनेजर की भूमिका की पड़ताल की जायेगी।