डेली संवाद, नई दिल्ली/अमेरिका/ईरान। Iran Israel War: इजराइल ( Israel) और ईरान (Iran) के बीच जारी युद्ध में अमेरिका (America) शामिल हो गया है। अमेरिका (America)ने आज सुबह ईरान (Iran) में 3 परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। इसमें फोर्डो, नतांज और इस्फहान शामिल हैं। यह हमला भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4:30 बजे हुआ।
ट्रंप ने देश को संबोधित किया
अमेरिकी (USA) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि फोर्डो पर बमों की एक पूरी खेप गिरा दी गई है। ट्रम्प ने ईरान पर हमले के 3 घंटे बाद देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ईरान की अहम न्यूक्लियर साइट्स ‘obliterate’ यानी कि पूरी तरह से तबाह कर दी गई हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को धमकी देते हुए कहा कि अब उसे शांति कायम करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे। अमेरिकी हमले को लेकर इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि ईरान पर अमेरिका का हमला इतिहास बदलने वाला है।
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 21, 2025
स्कूल-कॉलेज भी बंद रहेंगे
इजराइल में रविवार से स्कूल, दफ्तर, भीड़-भाड़ वाली जगहों के अलावा सभी आयोजनों पर रोक लगा दी गई है। रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज की मंजूरी और हालात की समीक्षा के बाद यह फैसला किया गया है।
इजराइल की होम फ्रंट कमांड की हिदायतों के मुताबिक अब देशभर में सिर्फ जरूरी कामों की इजाजत होगी। इसका मतलब है कि जरूरी जगहों को छोड़कर स्कूल, दफ्तर, भीड़-भाड़ वाली जगहें और कार्यक्रम बंद रहेंगे या उन पर रोक लगी रहेगी।
सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे होम फ्रंट कमांड के आधिकारिक चैनलों, राष्ट्रीय आपातकालीन पोर्टल और मोबाइल ऐप पर दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और उनका पालन करें।
इजराइल में 24 की मौत
इजराइल-ईरान के बीच जारी संघर्ष का आज 10वां दिन है। अमेरिका स्थित ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज एजेंसी के अनुसार, ईरान में 13 जून से अब तक 657 लोगों की मौत हुई है और 2000 से ज्यादा घायल हैं।
President Trump and I often say: ‘Peace through strength.’
First comes strength, then comes peace.
And tonight, @realDonaldTrump and the United States acted with a lot of strength. pic.twitter.com/7lTWCZkgw7
— Benjamin Netanyahu – בנימין נתניהו (@netanyahu) June 22, 2025
हालांकि, ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिर्फ 430 नागरिक के मारे जाने और 3,500 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। वहीं, इजराइल में 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 900 से ज्यादा घायल हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन
ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था (AEOI) ने परमाणु ठिकानों पर किए गए अमेरिकी हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून और परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का उल्लंघन बताया है। मेहर न्यूज के मुताबिक एजेंसी ने बयान में कहा कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में होने के बावजूद किया गया। इसमें एजेंसी की चुप्पी या सहयोग भी शामिल था।
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ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था (AEOI) ने कहा कि अमेरिका ने खुद राष्ट्रपति ट्रम्प के जरिए इन हमलों की जिम्मेदारी ली है, जबकि ये ठिकाने IAEA की निगरानी में थे, और किसी भी तरह के समझौते का उल्लंघन नहीं कर रहे थे। ईरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह ‘जंगल के कानून’ जैसी कार्रवाई की निंदा करे और ईरान को उसके वैध अधिकार दिलाने में समर्थन दे।
AEOI ने ईरानी जनता को भरोसा दिलाया कि दुश्मनों की कोशिशों के बावजूद, हजारों वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की मेहनत से ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाता रहेगा और इसे कोई रोक नहीं सकेगा।