डेली संवाद, चंडीगढ़/जालंधर। Gangster Fight: क्राइम की दुनिया में अक्सर दोस्ती और दुश्मनी के नए अध्याय लिखे जाते हैं। ऐसा ही हाई-प्रोफाइल गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और खालिस्तान समर्थक गोल्डी बराड़ के बीच अब सबकुछ ठीक नहीं है। लॉरेंस का नाम सलमान खान को धमकी देने से लेकर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में आया, वहीं गोल्डी बराड़ भी लगातार विदेश से अपने गैंग को ऑपरेट करता रहा है। मशहूर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) और गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) के बीच अब दोस्ती नहीं रही। दोनों अलग हो गए हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो में गोल्डी बराड़ ने खुद यह स्वीकार किया कि उसने लॉरेंस बिश्नोई और उसकी गैंग से दूरी बना ली है।
अब किसके साथ हाथ मिला रहे हैं ये गैंगस्टर्स?
इस मैसेज में कहा गया है कि 17 जून को श्री गंगानगर, राजस्थान में एक आदमी पर हमला हुआ था। उस आदमी का नाम आशीष गुप्ता है। मैसेज के अनुसार, गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा ने मिलकर यह हमला करवाया था। मैसेज में यह भी कहा गया है कि अनमोल बिश्नोई ने यह हमला नहीं करवाया। अनमोल, लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई है। पहले सोशल मीडिया पर लोग कह रहे थे कि अनमोल ने हमला करवाया है।
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ऑडियो में, जो आदमी बोल रहा है, उसे गोल्डी बराड़ बताया जा रहा है। वह कहता है, ‘अब हमारा अनमोल बिश्नोई से कोई रिश्ता नहीं है। हमने यह बात अपने सभी भाइयों को बता दी है।’ वह गुप्ता पर हुए हमले की जिम्मेदारी लेता है। वह कहता है, ‘उसे मारना नहीं था, सिर्फ सबक सिखाना था। इसलिए उसे पैर में गोली मारी गई। अगर वह समझ गया तो ठीक है, नहीं तो अगली बार हम उसे सिर में गोली मारेंगे।’
गुजरात की जेल में है लॉरेंस बिश्नोई
अनमोल बिश्नोई पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। उस पर सिद्धू मूसेवाला की हत्या, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या और अभिनेता सलमान खान के मुंबई स्थित घर के बाहर गोलीबारी करने का भी आरोप है। खबरों के अनुसार उसे पिछले साल नवंबर में अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। लॉरेंस बिश्नोई अभी गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। गोल्डी बराड़ कहां है, यह किसी को नहीं पता। पहले माना जा रहा था कि वह कनाडा में है, लेकिन अब कहा जा रहा है कि वह अमेरिका चला गया है।
पुलिस ने कहा अच्छी बात
पुलिस ने कहा कि यह आवाज बराड़ की ही है। पुलिस को लगता है कि दोनों के बीच झगड़ा होना अच्छी बात है। पंजाब पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि यह आवाज गोल्डी बराड़ की ही है। उन्होंने कहा कि यह 100% गोल्डी बराड़ ही बोल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे अलग हो गए हैं तो यह हमारे लिए अच्छा है। गैंगस्टरों के बीच झगड़ा होना हमेशा हमारे लिए फायदेमंद होता है।
गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिस्नोई के बीच झगड़े का कारण
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पैसा और ताकत ही आमतौर पर ऐसे झगड़ों की वजह होते हैं। लॉरेंस बिश्नोई जेल में है, इसलिए वह कुछ नहीं कर सकता। लेकिन बराड़ विदेश में बैठकर ताकतवर बन गया है। वह अब बड़े-बड़े अपराधियों के साथ काम कर रहा है। अधिकारी ने आगे कहा, कि बिश्नोई ने पहले दूसरे राज्यों के गैंगस्टरों के साथ मिलकर अपना नेटवर्क बढ़ाया था। अब गोल्डी बराड़ वही काम दुनिया भर में कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि गैंगस्टर चाहे कितने भी करीब क्यों न हों, एक समय के बाद उनमें झगड़ा हो ही जाता है।
पाकिस्तान से फंडिंग से इनकार
गोल्डी बराड़ ने यह भी कहा कि यह सच नहीं है कि उसे ISI और पाकिस्तान से पैसा मिलता है। दो मिनट से ज्यादा के इस ऑडियो मैसेज में, बराड़ ने उन खबरों को गलत बताया है जिनमें कहा गया था कि उसने ISI और पाकिस्तान से पैसे मांगे थे। उसने न्यूज़ चैनलों और सरकार से कहा कि ऐसी खबरें चलाने से पहले पुष्टि कर लें। बिना किसी सबूत के किसी को देशभक्त या गद्दार का सर्टिफिकेट न दें।
गोल्डी बराड़ ने खुद को बताया देशभक्त
गोल्डी बराड़ ने खुद को देशभक्त बताने की कोशिश की। उसने कहा कि हमने जो कुछ भी किया है, वह खुले तौर पर किया है। जो लोग ‘चाणक्य नीति’ का सहारा लेकर और नकारात्मकता फैलाकर हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, वे सफल नहीं होंगे। बाकी, समय बताएगा कि कौन देशभक्त है और कौन देश का गद्दार। हम पंजाब में पैदा हुए और पले-बढ़े हैं।
पुलिस को इस बात की खुशी है कि दोनों गैंगस्टर अलग हो गए हैं। पुलिस का मानना है कि गैंगस्टरों के बीच फूट पड़ने से उन्हें अपराध को रोकने में मदद मिलेगी। पुलिस अब इस बात पर नजर रख रही है कि दोनों के अलग होने से पंजाब में अपराध पर क्या असर पड़ता है। पुलिस को उम्मीद है कि दोनों के बीच दुश्मनी बढ़ने से अपराध कम होगा।
कैसे शुरू हुई थी ये कहानी?
लॉरेंस बिश्नोई ने अपने शुरुआती दिनों में गोल्डी बराड़, काला राणा और अन्य के साथ मिलकर एक मजबूत टीम बनाई थी। बाद में उसने धनंजय सिंह, जग्गू भगवानपुरिया, काला जठेड़ी, रोहित गोदारा और रोहित मोई जैसे बड़े नामों के साथ मिलकर एक बड़ा ‘बिजनेस मॉडल’ तैयार किया। सब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन फिर धीरे-धीरे मुश्किलें आने लगी।
सबसे पहले, हथियार मुहैया कराने वाले जग्गू भगवानपुरिया से उनका अहम टकराया, क्योंकि वह और पैसे की मांग कर रहा था. कुछ समय बाद काला जठेड़ी भी अलग हो गया, जब उसे पता चला कि गोदारा और बराड़ उसके गढ़ हरियाणा में कई लोगों को जबरन वसूली के लिए फोन कर रहे थे। एक-एक कर ये मजबूत कड़ियां टूटती गईं और अब लॉरेंस और गोल्डी की सबसे बड़ी दोस्ती भी बिखर गई है।
बड़े प्रभाव और अनसुलझे सवाल
इस विभाजन के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. लॉरेंस बिश्नोई का नाम पिछले तीन सालों में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को दी गई कई धमकियों और उनके घर के बाहर गोलीबारी की घटना से भी जुड़ा है। दूसरी ओर, कनाडा ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर आतंक फैलाने के लिए बिश्नोई गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हालांकि, भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
इस नई ‘फूट’ से गैंगवार की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि दोनों गुट अपने-अपने प्रभाव क्षेत्र को मजबूत करने और प्रतिद्वंद्वी को कमजोर करने की कोशिश करेंगे. सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि अब उन्हें दो अलग-अलग, लेकिन पूर्व-जुड़े सिंडिकेट्स पर नज़र रखनी होगी, जिनके नए सहयोगी भी इसमें शामिल हैं। क्राइम की दुनिया में यह नया मोड़ क्या रंग लाएगा, यह देखना बाकी है। लेकिन इतना तय है कि लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ का अलग होना, गैंगवार के नए और खतरनाक अध्याय की शुरुआत कर सकता है।