डेली संवाद, अमृतसर। Bikram Singh Majithia News: पंजाब के अकाली नेता और पूर्व मंत्री व बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) की गिरफ्तारी के बाद विजीलैंस ब्यूरो (Punjab Vigilance) ने बड़े खुलासे किए हैं। पता चला है कि है कि बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी आय से अधिक संपत्ति के केस में की गई है। अमृतसर (Amritsar) से गिरफ्तार करने के बाद विजिलेंस की टीम मजीठिया को मोहाली (Mohali) ले गई। जहां उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।
मजीठिया के घर से बरामद वस्तुएं
जानकारी के मुताबिक बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) के पास 540 करोड़ से अधिक प्रॉपर्टी का पता चला। विजिलेंस ने बिक्रम मजीठिया के घर से 29 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 आईपैड, 2 डेस्कटॉप, 8 डायरियां और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। विजिलेंस की टीम बुधवार सुबह SSP लखबीर सिंह की अगुआई में मजीठिया के अमृतसर में ग्रीन एवेन्यू स्थित घर पर पहुंची।
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इस दौरान मजीठिया (Bikram Singh Majithia) की विजिलेंस टीम से भी बहस हुई। जिसके वीडियो मजीठिया ने सोशल मीडिया पर जारी किए। मजीठिया ने कहा कि सारी कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही है। मगर, वह इससे डरने वाले नहीं हैं। मजीठिया की विधायक पत्नी गनीव कौर ने कहा कि विजिलेंस टीम ने घर में जबरन घुसकर धक्कामुक्की की।
किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा- केजरीवाल
वहीं, इस मामले पर आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि जो लोग सबसे पहले पंजाब में नशा लाए, वे दूसरी पार्टी में मंत्री थे और खुद तस्करों को पनाह देते थे। अब पंजाब में संदेश साफ है। चाहे जितना बड़ा नेता हो, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं आम आदमी पार्टी की ओर जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि अमृतसर में 11, तरनतारन- 4, संगरूर 3 और लुधियाना में 2 जगह पर विजिलेंस की छापेमारी की गई है।
करोड़ों का संदिग्ध वित्तीय लेनदेन
जानकारी के मुताबिक साल 2021 में पंजाब पुलिस के स्टेट साइबर क्राइम ने बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। जांच में 540 करोड़ रुपए से ज्यादा के संदिग्ध वित्तीय लेन-देन सामने आए। FIR में मजीठिया और उनकी पत्नी गनीव कौर द्वारा अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के पर्याप्त सबूत बताए गए हैं।
मंत्री बनने के बाद संपत्ति बढ़ी
साल 2007 में जब मजीठिया विधायक बने और बाद में पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री बने, उसी दौरान उनके और उनकी पत्नी के नाम पर संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज हुई। पुलिस के अनुसार यह संपत्ति अज्ञात और गैरकानूनी स्रोतों से अर्जित की गई। FIR में यह भी कहा गया है कि एकत्र की गई सामग्री से यह साबित होता है कि ये संपत्तियां अवैध गतिविधियों से अर्जित की गई हैं और ये “अवैध संवर्धन” की श्रेणी में आती हैं।
प्रभाव का इस्तेमाल किया
शुरूआती जांच में सामने आया है कि एक विधायक और तत्कालीन पंजाब सरकार में कैबिनेट पद पर रहने वाले लोक सेवक बिक्रम सिंह मजीठिया के प्रभाव का इस्तेमाल करके उत्पन्न किया गया था। बिक्रम सिंह मजीठिया और उनकी पत्नी गनीव कौर के नाम पर अचल/चल संपत्ति में काफी वृद्धि हुई है, जिसके लिए आय का कोई वैध स्रोत नहीं बताया गया है।
540 करोड़ के लेनदेन ऐसे खेला हुआ
बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा नियंत्रित कंपनियों के बैंक खातों में 161 करोड़ रुपए की भारी बेहिसाबी नकदी जमा है। संदिग्ध विदेशी संस्थाओं के माध्यम से 141 करोड़ रुपये के लेनदेन हुए हैं। कंपनी के वित्तीय विवरणों में बिना किसी सूचना/स्पष्टीकरण के 236 करोड़ रुपये की राशि का खुलासा किया गया। बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा बिना किसी वैध आय स्रोत के चल/अचल संपत्ति का अधिग्रहण किया गया।