डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) के दूरदर्शी नेतृत्व में पंजाब सरकार बुजुर्गों की भलाई और उनके मान-सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसी क्रम में, मृतक पेंशनधारकों की पहचान करने और सही लाभार्थियों को पेंशन का वितरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से “साडे बुजुर्ग साडा मान” शीर्षक के अंतर्गत एक विशेष सर्वेक्षण चलाया गया।
67,852 मृतक पेंशनधारकों की पहचान
आज इस बारे में जानकारी देते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर (Dr Baljit Kaur) ने बताया कि इस व्यापक सर्वेक्षण के माध्यम से 67,852 मृतक पेंशनधारकों की पहचान की गई, जिनके खातों में समय के साथ लगभग 252 करोड़ रुपये एकत्र हो चुके थे। इनमें से जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों और बैंकों के सहयोग से अब तक 166 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है।
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मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शेष 86 करोड़ रुपये की वसूली में तेजी लाई जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि यह प्राप्त राशि योग्य लाभार्थियों को पेंशन लाभ के रूप में दी जाए। डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि राज्य में लगभग 35 लाख बुजुर्ग, विधवाएं, अनाथ बच्चे और दिव्यांग व्यक्ति प्रत्यक्ष रूप से अपने बैंक खातों में 1500 रुपये प्रति माह की पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों और आंगनवाड़ी सुपरवाइज़रों की सराहना की, जो घर-घर जाकर पेंशनधारकों की स्थिति और भलाई के संबंध में सही जानकारी इकट्ठी कर रहे हैं। इस अवसर पर डॉ. बलजीत कौर ने यह भी बताया कि सरकार सामाजिक सुरक्षा के तहत हर योग्य लाभार्थी को पेंशन उपलब्ध करवा रही है। चालू वित्तीय वर्ष में मई 2025 तक 43,644 नए योग्य लाभार्थियों को पेंशन देने के लिए आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं।
‘एम-सेवा’ ऐप का प्रभावी उपयोग किया गया
उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि योग्य लाभार्थियों को पेंशन बिना किसी देरी के पारदर्शी ढंग से प्रदान की जाए। पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए डॉ. कौर ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान ‘एम-सेवा’ ऐप का प्रभावी उपयोग किया गया, ताकि रियल-टाइम डेटा संग्रहण और निगरानी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पंजाब के लोगों को सरकारी लाभों का सही और निष्पक्ष वितरण सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार के कल्याणकारी अभियान और सत्यापन सर्वेक्षण नियमित रूप से किए जाएंगे।