डेली संवाद, पुरी। Shri Jagannath Rath Yatra: ओडिशा में समुद्र किनारे बसा तीर्थ नगरी पुरी शुक्रवार को होने वाली वार्षिक रथ यात्रा के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके अलावा गुजरात के अहमदाबाद और पश्चिम बंगाल के दीघा में भी आज ही भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी। इसे लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। कार्यक्रम को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है और सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर है।
यहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। पुरी (Puri) में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुक्रवार शाम 4 बजे शुरू होगी। उससे पहले सुबह से विधि विधान शुरू होंगे। सुबह मंगल आरती और विधि विधान पूजा के बाद भगवान जगन्नाथ को नंदी घोष रथ, देवी सुभद्रा को दर्पदलन और बलभद्र को तालध्वज रथ पर विराजित किया गया है।
भगवान जगन्नाथ अपने भाई बहन के साथ मौसी के घर जाते
अब रथ पर भगवान की विधिवत पूजा और भोग होगा। दोपहर 3 बजे पुरी राजपरिवार के गजपति दिव्य सिंह देव रथ के आगे सोने के झाडू से बुहारा लगाकर रथ यात्रा की शुरुआत करेंगे। रथ से भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ करीब 3 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। ये उनकी मौसी का घर माना जाता है।
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उधर, अहमदाबाद समेत देश के कई शहरों में रथ यात्राएं निकाली गई हैं। अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई। गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह 4 बजे मंगल आरती की। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पाहिंद विधि कर रथ यात्रा की शुरुआत की। रात तकरीबन 8:30 बजे भगवान वापस मंदिर लौटेंगे।
क्या है आज पूरे दिन का कार्यक्रम?
ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर का सिंहद्वार खोला गया। उसके बाद भगवान जगन्नाथ को जगाया गया। पहले मंगला आरती हुई। उसके बाद रथ यात्रा की तैयारी शुरू हुई। भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया जाएगा। दोपहर में भगवान को गर्भगृह से निकालकर रथ तक लाया जाएगा। रथ पर सवार होने के बाद भगवान का बड़ा श्रृंगार होगा। दोपहर ढाई बजे श्रृंगार खत्म होगा। उसके बाद ओडिशा के गजपति महाराज सोने की झाड़ू से रथ बुहारेंगे। यात्रा की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। शाम 4 बजे से यात्रा के लिए रथ आगे बढ़ेंगे।
रथयात्रा के पावन अवसर पर श्री जगन्नाथ मंदिर, अहमदाबाद की मंगला आरती में शामिल होना अपने आप में दिव्य और अलौकिक अनुभव होता है। आज महाप्रभु की मंगला आरती में शामिल होकर दर्शन-पूजन किया। महाप्रभु सभी पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें। pic.twitter.com/T3XDWbjQt1
— Amit Shah (@AmitShah) June 27, 2025
अहमदाबाद में रथ यात्रा की क्या तैयारियां
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में शुक्रवार को निकलने वाली 148वीं जगन्नाथ रथ यात्रा में करीब 23,884 सुरक्षाकर्म तैनात रहेंगे। खास बात यह है कि पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है ताकि भगदड़ जैसी घटनाओं को रोका जा सके।
AI आधारित सॉफ़्टवेयर को सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन से लाइव फीड मिलेगी, जिसे वह विश्लेषित करके भीड़ की स्थिति, संख्या और संभावित जोखिम की जानकारी पुलिस नियंत्रण कक्ष को देगा। यह प्रणाली भीड़भाड़, आग और अन्य आपात स्थितियों में तुरंत सूचना देगी।
यात्रा मार्ग पर GPS ट्रैकिंग सिस्टम से सजी वाहनों की निगरानी की जाएगी। यात्रा के दौरान 4500 पुलिसकर्मी यात्रा के साथ चलेंगे और 1931 ट्रैफिक पुलिसकर्मी मार्ग व्यवस्थित करेंगे। सुरक्षा व्यवस्था में स्थानीय पुलिस, राज्य रिजर्व पुलिस (SRP), चेतक कमांडो, और रैपिड एक्शन फोर्स को शामिल किया गया है। 400 साल पुराने जमालपुर स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर से यात्रा शुरू होगी और शाम 8 बजे मंदिर लौटेगी। परंपरानुसार खलासी समुदाय रथ खींचेगा। यात्रा में 18 हाथी, 100 ट्रक और 30 अखाड़े शामिल होंगे।
दीघा में जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल हुई सीएम ममता बनर्जी
#WATCH | West Bengal CM Mamata Banerjee arrives at Digha to attend Shri Jagannath Rath Yatra pic.twitter.com/EauUFr6cbn
— ANI (@ANI) June 27, 2025
दीघा में 2022 में मंदिर निर्माण शुरू हुआ था। मंदिर का उद्धाटन 30 अप्रैल 2025 को हुआ था। मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियां भी स्थापित की गई है।
बलभद्र और सुभद्रा अपने-अपने रथों पर विराजित
#WATCH | Odisha | Puri Rath Yatra begins with the three sibling deities – Lord Jagannath, Lord Balbhadra and Goddess Subhadra- being brought to their chariots pic.twitter.com/Rqm2bjAlz6
— ANI (@ANI) June 27, 2025
जगन्नाथ रथयात्रा में हाथी बेकाबू
अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शुक्रवार सुबह 10 बजे एक हाथी बेकाबू हो गया और 100 मीटर तक भागा। इसके बाद रथ यात्रा में भगदड़ सी मच गई। लोग इधर-उधर भागते दिखे। बेकाबू हुआ हाथी 17 हाथियों के ग्रुप में सबसे आगे चल रहा था।
जानकारी के मुताबिक, हाथी डीजे और सीटी की आवाज से बेकाबू हुआ था। हाथी को वन विभाग के अमले ने दो मादा हाथियों की मदद से काबू में किया। इसके बाद उसे और दोनों मादा हाथियों को जुलूस से हटा दिया गया। बाकी यात्रा में 14 हाथी शामिल हुए।