डेली संवाद, जालंधर/लुधियाना/चंडीगढ़। GST News: पंजाब में जीएसटी (GST Scam in Punjab) की चोरी को लेकर बड़ा भंडाफोड़ हुआ है। जीएसटी चोरी के तार पंजाब के लुधियाना (Ludhiana), जालंधर (Jalandhar), मंडी गोबिंदगढ़ (Mandi Gobindgarh) से जुड़े हैं। करीब 866 करोड़ रुपए की जीएसटी घोटाला सामने आया है। इसमें विभाग के कुछ अफसर और मुलाजिम के भी शामिल होने की आशंका है। इसे लेकर पंजाब सरकार (Punjab Government) बड़े स्तर पर जांच करवा रही है।
पंजाब (Punjab) सरकार के वित्त विभाग ने प्रदेश की 20 ऐसी फर्मों का भंडाफोड़ किया है, जो करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी कर रही थीं। इन फर्मों ने बहुत ही चालाकी से अपना नेटवर्क खड़ा किया ताकि असली प्रबंधकों का नाम सामने न आ सके। इसके लिए उन्होंने आम मजदूरों और बेरोजगारों को निशाना बनाया। उन्हें 800 रुपए प्रतिदिन दिहाड़ी देने का लालच दिया गया और यह कहकर उनके पैन कार्ड, आधार कार्ड और बाकी दस्तावेज ले लिए गए कि उनके खातों में पेमेंट की जाएगी।
फर्जी नामों पर कंपनियां
जीएसटी चोरों का यह गिरोह इतना शातिर है कि मजदूरों के दस्तावेजों से फर्जी नामों पर कंपनियां बना डाली। इसके बाद इसका जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाया गया। इन फर्मों के बैंक खाते पहले से ही खुले हुए थे। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के मुताबिक कुल 866 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। इसमें टैक्सी सेवाओं के नाम पर की गई जीएसटी चोरी ही 157.22 करोड़ रुपए की थी।
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा (Harpal Singh Cheema) ने बताया कि जांच में अब तक 40 लाख रुपए नकद, फर्जी बिल बुक और बिना साइन की चेक बुक जैसे अहम सबूत मिले हैं। इस मामले में लुधियाना में केस दर्ज किया गया है। सरबजीत सिंह इस घोटाले का मुख्य आरोपी है, जिसे पकड़ने के लिए कार्रवाई चल रही है। इस घोटाले के तार जालंधर औऱ मंडी गोबिंदगढ़ से भी जुड़े हैं।
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आपको बता दें कि पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने जालंधर के मशहूर सीए गुरसेवक सिंह को करप्शन के आरोप में गिरफ्तार किया था। अगर इस मामले को गंभीरता से जांच की जाए तो सीए गुरसेवक सिंह कुछ अफसरों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर जीएसटी की चोरी का भी मामला सामने आस सकता है।
अकाउंटेंट की मुख्य भूमिका
जानकारी के मुताबिक इस घोटाले में लुधियाना के एक अकाउंटेंट की मुख्य भूमिका सामने आई है। उसने साल 2023 में इस फर्जीवाड़े की शुरुआत की थी। अब तक वह अकेला ही 157.22 करोड़ रुपए का फर्जी टैक्स क्रेडिट कर चुका है। टैक्सेशन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, आरोपियों ने 2023-24 में नकली बिल तैयार कर 249 करोड़ रुपए का लेन-देन दिखाया और इसके आधार पर 45.12 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा किया।
इसके बाद 2024-25 में 569.54 करोड़ का फर्जी कारोबार दिखाकर 104.08 करोड़ का ITC लिया गया। सिर्फ इस साल के पहले दो महीनों में ही 47.25 करोड़ का लेनदेन दिखाकर 8.01 करोड़ रुपए का फर्जी टैक्स क्रेडिट क्लेम किया गया। जांच एजेंसियों की नजर अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों पर भी है। कई और नाम जल्द सामने आ सकते हैं।
ट्रांसपोर्ट कंपनी पर भी केस दर्ज
ट्रांसपोर्टर मां दुर्गा रोड लाइंस नाम की कंपनी ने भी 168 रुपए के जाली ई-वे बिल बनाकर धोखाधड़ी की है। यह ई-वे बिल लुधियाना आधारित फर्मों के प्रमाण पत्रों का प्रयोग करके की गई। जो लुधियाना से दिल्ली तक सामान की आवाजाही को दिखाते थे। जबकि असल में कोई वाहन पंजाब में दाखिल नहीं हुआ था। इसके अलावा जालंधर के इंडस्ट्रियल एरिया में एक बड़े ट्रांसपोर्ट का सारा खेल ही जीएसटी चोरी से शुरू होता है।
सूत्र बताते हैं कि जालंधर में एक बड़े ट्रांसपोर्टर के साथ मिलकर कुछ बड़े कारोबारी जीएसटी की चोरी करते हैं। यह चोरी करोड़ों रुपए में होती है। यही नहीं, 66 फुटी रोड पर जालंधर हाईट्स के पीछे स्थित एक इलाके में स्क्रैप कारोबारी बड़े पैमाने पर फर्जी बिलिंग कर जीएसटी की चोरी कर रहा है। फिलहाल जीएसटी के अफसर इसकी जांच भी कर रहे हैं।