Amit Shah: क्या अमित शाह राजनीति से सन्यास लेने जा रहे हैं? आखिर क्यों बताया अपने रिटायरमैंट का प्लान? पढ़ें 

Daily Samvad
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Amit Shah

डेली संवाद, नई दिल्ली। Amit Shah: केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता अमित शाह (Amit Shah) की एक खबर जमकर वायरल हो रही है। खबर यह है कि क्या अमित शाह (Amit Shah) राजनीति से सन्यास लेने जा रहे हैं? क्योंकि उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान अपने रिटायरमेंट का प्लान लोगों को बताया है। जिससे सियासी गलियारे में तरह तरह की चर्चाएं शुरु हो गई हैं।

आपको बता दें कि हमारे देश में राजनेताओं के रिटायरमेंट को लेकर हमेशा चर्चा होते रहती है। हालांकि, देश की राजनीति में रिटायरमेंट की कोई समय सीमा नहीं है। संविधान के मुताबिक, कोई व्यक्ति किसी भी उम्र तक चुनाव लड़ सकता है। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना रिटायरमेंट प्लान (Amit Shah Retirement Plan) बता दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपना फ्यूचर प्लान भी जाहिर कर दिया है।

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प्राकृतिक खेती का फायदा – शाह

अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि मैंने तय किया है कि जब भी रिटायर हो जाऊंगा, तो मैं बाकी का जीवन प्राकृतिक खेती के काम में लगा दूंगा। अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शाह ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद का अपना जीवन मैं वेद, उपनिषद पढ़ने और प्राकृतिक खेती के लिए खर्च करूंगा. उन्होंने कहा कि ये प्राकृतिक खेती… एक प्रकार का वैज्ञानिक प्रयोग है जो कई प्रकार के फायदे देती है।

उर्वरक वाला गेहूं खाने से कैंसर होता है

अमित शाह ने कहा कि उर्वरक वाला गेहूं खाने से कैंसर होता है। बीपी बढ़ता है। थायरॉइड की प्रॉब्लम होती है। खाने वाले शख्स के शरीर को अच्छा बनाए रखने के लिए बिना फर्टिलाइजर वाला भोजन करना जरूरी है, अगर ऐसा होगा तो इसका मतलब दवाइयों की जरूरत ही नहीं होगी।

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अमित शाह ने आगे कहा कि इससे उत्पादन भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि मेरे खेत में मैंने प्राकृतिक खेती अपनाई है, आज मेरे अनाज उत्पादन में लगभग डेढ़ गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। अमित शाह फिलहाल राजनीतिक जीवन में सक्रिय है, लेकिन वो अभी भी अपनी जमीन पर प्राकृतिक खेती करते हैं।

युवाओं को संदेश?

अमित शाह ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए दो घंटे शारीरिक व्यायाम और छह घंटे की नींद का नियम अपनाएं। उन्होंने कहा कि युवाओं के पास देश की प्रगति में योगदान देने के लिए अभी 40-50 साल हैं।













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