डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह (Dr Balbir Singh) ने आज घोषणा की कि राज्य के प्रत्येक ज़िले से कम-से-कम दो मेडिकल अधिकारियों को प्रमुख संस्थानों में एडवांस्ड क्रिटिकल केयर की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसका उद्देश्य आईसीयू और ट्रॉमा के मामलों में प्रभावशाली प्रबंधन के लिए डॉक्टरों को अत्याधुनिक स्किल्स से सुसज्जित करना है।
दिल की बीमारियों के कारण मृत्यु दर को कम करने में कारगर सिद्ध हुई
डॉ. बलबीर सिंह राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों और एम एल आर/पी एम पी एम आर विषय पर आयोजित दो दिवसीय ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (टीओटी) कार्यक्रम के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह पहल इमरजेंसी सेवाओं के भीतर “गोल्डन ऑवर” यानी आरंभिक क्षणों में शीघ्र उपचार को सुनिश्चित करके जीवनरक्षा की दर को बेहतर बनाएगी।
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उन्होंने कहा कि “हर सेकंड मायने रखता है” और पंजाब सरकार गोल्डन ऑवर केयर में नए मानदंड स्थापित करेगी, ताकि कोई भी मरीज गुणवत्तापूर्ण उपचार से वंचित न रहे। उन्होंने एस टी ई एम आई प्रोजेक्ट का उदाहरण देते हुए बताया कि यह परियोजना दिल की बीमारियों के कारण मृत्यु दर को कम करने में कारगर सिद्ध हुई है। इस आयोजन में राज्य के सभी 23 जिलों से विशेषज्ञ डॉक्टरों की सहभागिता ने सुलभ, समान और गुणवत्ता आधारित स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को और सशक्त किया।
डॉक्टरों को स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ की हड्डी बताया- डॉ.
डॉ. बलबीर सिंह ने डॉक्टरों को स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ की हड्डी बताया और कहा कि उनकी लगन और दक्षता पंजाब को सेहतमंद राज्य बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसी स्वास्थ्य प्रणाली बना रही है जो समय पर रोकथाम, उपचार और पुनर्वास को प्राथमिकता देती है।
मनोविकारियों और नशे से जूझ रहे मरीजों के संवेदनशील इलाज की बात करते हुए मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार हुनर विकास कार्यक्रमों को चिकित्सा देखभाल से जोड़कर मरीजों की शीघ्र रिकवरी और सामाजिक पुनर्स्थापना सुनिश्चित कर रही है।
पंजाब सरकार 1,000 नए मेडिकल अफसरों की भर्ती को लेकर तैयार
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार 1,000 नए मेडिकल अफसरों की भर्ती को लेकर तैयार है, जिन्हें ग्रामीण, सीमावर्ती और दूर-दराज़ के क्षेत्रों में तैनात करने से पहले विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पहल शहरी-ग्रामीण स्वास्थ्य अंतर को खत्म करने और स्वास्थ्य सेवाएं हर कोने तक पहुंचाने के लक्ष्य की पूर्ति करेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि सीनियर मेडिकल अफसरों (एस एम ओज ) को आई आई एम अहमदाबाद में विशेष प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है, ताकि इमरजेंसी प्रतिक्रिया और नेतृत्व कौशल को और मज़बूती दी जा सके। साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिक चिकित्सा में एकीकृत करने हेतु विशेषज्ञों को ए आई आई एम एस दिल्ली में विशिष्ट प्रशिक्षण दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों के योगदान को सम्मानित करने हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कारों की शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब सरकार रोग निगरानी प्रणाली को मज़बूत कर रही है और ज़िला समन्वय समितियों के ज़रिए स्वास्थ्य जोखिमों पर समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा रही है।
ये रहे उपस्थित
यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मंत्री ने जनता के लिए डॉक्टरों व आवश्यक दवाओं की मुफ़्त उपलब्धता को ज़रूरी बताया। अपने संबोधन के समापन पर डॉ. बलबीर सिंह ने डॉक्टरों की प्रशंसा करते हुए उन्हें “पंजाब की स्वास्थ्य प्रणाली के वास्तुकार” कहा और स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार, समानता और उत्कृष्टता की सरकार की अटल प्रतिबद्धता को दोहराया।
इस अवसर पर विशेष सचिव स्वास्थ्य एवं एन एच एम के एमडी घनश्याम थोरी, स्वास्थ्य निदेशक डॉ. हितिंदर कौर, परिवार कल्याण निदेशक डॉ. जस्मिंदर, उप निदेशक डॉ. नवजोत कौर, डॉ. सुरिंदरपाल कौर, एस आई एच एफ डब्ल्यू की प्रिंसिपल डॉ. पौमी चतरथ, और डॉ. अमनदीप कौर वड़िंग भी उपस्थित रहीं।