डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर (Jalandhar) और पुलिस प्रशासन द्वारा लतीफपुरा का भले ही कुछ साल पहले अवैध कब्जे ध्वस्त कर दिए गए, लेकिन अभी तक यह इलाका पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त नहीं हो सका है। कब्जे हटाने के बाद कुछ लोग सड़क पर टैंट लगाकर कई महीने से रह रहे हैं, जिससे लोगों को ट्रैफिक की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
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इसे लेकर अब आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता धरना लगाने जा रहे हैं। AAP के नेता और वार्ड-35 के प्रभारी लक्की ओबराय ने कहा है कि पिछले कुछ महीने से 120 फुटी रोड पर चंद लोग टेंट लगाकर कब्जा किए हुए हैं, जिससे आधे शहर को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाया
आप नेता लक्की ओबराय ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाया गया, लेकिन कुछ लोग अभी भी कब्जा कर सड़क पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि आज शाम 6 बजे इसके खिलाफ धरना देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने जब कब्जाधारियों को अन्य जगह फ्लैट दे दिया, तो अब 120 फुटी रोड पर कब्जा करना गलत है।
आपको बता दें कि जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने साल 1975 में 110 एकड़ की गुरु तेग बहादुर नगर विकास स्कीम लांच किया था। इसमें नीलामी के जरिए कुछ लोगों को प्लाट अलाट किया गया था। इन प्लाट मालिकों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी कि ट्रस्ट ने 120 फुटी रोड का हवाला देकर नीलामी में प्लाट दिया था, लेकिन मौके पर 60 फुट रोड ही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कब्जा हटाओ
हाईकोर्ट ने 2012 में आदेश दिया कि 120 फुटी रोड के कब्जे हटाया जाए। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ कब्जा धारकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक सब कमेटी बनाकर कब्जाधारियों से एतराज मांगे। इस पर 27 कब्जा धारियों ने अपने एतराज पेश किए।
सब कमेटी ने कब्जाधारकों के एतराज सुनने के बाद यह पाया कि उनके एतराज गलत है, इसके बाद कमेटी ने सभी एतराज डिसमिस कर दिए। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने इस कमेटी की रिपोर्ट के प्रस्ताव को सरकार को भेजा, जिस पर सरकार ने इसे एप्रूव कर दिया। इसके बाद कब्जाधारक हरिसिंह ने अपने स्तर पर हाईकोर्ट में फिर से अपील की। इस अपील में हरि सिंह ने 120 फुटी रोड की निशानदेही की मांग की गई।
मांग को भी डिसमिस कर दिया
साल 2014 में इस मांग को भी डिसमिस कर दिया गया। यही नहीं, स्थानीय निकाय विभाग के तत्कालीन सैक्रेटरी अशोक गुप्ता ने चिट्ठी लिख कर कहा कि जिस जमीन को सरकार ने पहले एक्वायर कर ली है, उसकी फिर से निशानदेही करवाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि उक्त जमीन से अवैध कब्जा करवाने वाले को हटाया जाए।
इस दौरान इंप्रूवमेंट ट्रस्ट लगातार कब्जा हटाने की कोशिश में जुटा रहा। साल 2018 में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने सभी कब्जाधारियों को अलग-अलग नोटिस जारी कर कब्जा छोड़ने को कहा। इसके साथ ही ट्रस्ट ने पब्लिक नोटिस निकालकर कब्जाधारकों से वहां से हटने को कहा था। लेकिन पुलिस फोर्स न होने के कारण कब्जा नहीं हटाया जा सका।
2022 में सभी कब्जे हटाए गए
इसके बाद दिसंबर 2022 में पुलिस और प्रशासन के सहयोग से इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने यहां से सभी कब्जे हटा दिए। जितने कच्चे और मक्के कब्जे थे, सभी पर डिच चला दी गई। इसका भारी विरोध है। लेकिन पुलिस की मौजूदगी में सभी कब्जे हटा दिए गए। सरकार ने कब्जाधारियों को फ्लैट देने की पेशकश की है। बावजूद कब्जाधारी वहां 120 फुटी रोड पर टेंट लगाकर कब्जा कर लिया। अब इसी के खिलाफ इलाके के लोग एकजुट हो रहे हैं।