Nimisha Priya: 2 दिन बाद निमिषा प्रिया को फांसी, क्या अब भी बच सकती है जान? केंद्र ने कहा- हमने बचाने की पूरी कोशिश की

Muskan Dogra
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Nimisha Priya

डेली संवाद, चंडीगढ़। Nimisha Priya: यमन (Yemen) में भारतीय नर्स को फांसी होने वाली है। भारतीय नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) को यमन में 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। 37 साल की निमिषा केरल की रहने वाली है।

मामला बहुत संवेदनशील- SC

इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला बहुत संवेदनशील है। अगर भारतीय नर्स यमन में जान गंवाती है तो यह दुखद होगा। मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने की।

Supreme-Court
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इस दौरान केंद्र की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने कोर्ट में कहा कि सरकार जहां तक जा सकती थी, जा चुकी है। यमन जैसे देश के साथ भारत खुलकर कूटनीतिक दखल नहीं दे सकता। इसे लेकर अब केंद्र सरकार ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए है।

सरकार के हाथ लगी नाकामयाबी

केंद्र सरकार ने निमिषा की फांसी रोकने का हर मुमकिन प्रयास किया, लेकिन सरकार को इसमें नाकामयाबी ही हाथ लगी। केंद्र सरकार के अनुसार, हर कोशिश की एक सीमा होती है। अब इससे ज्यादा हम क्या कर सकते हैं।

निमिषा को प्रताड़ित करने वाले तलाल अब्दो महदी

निमिषा को बचाने का सिर्फ एक ही रास्ता है कि अगर मृतक शख्स का परिवार मुआवजा स्वीकार कर ले तो निमिषा की फांसी रुक सकती है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बताया कि मृतक के परिवार को 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.5 करोड़) रुपये के मुआवजे का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।

कौन है निमिषा प्रिया?

2008 में केरल के पलक्कड़ में रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया यमन के अस्पताल में काम करती थीं। 2011 में उन्होंने भारत में एक ऑटो ड्राइवर टॉमी थॉमसन से शादी की और पति के साथ यमन चली गईं। 2012 में निमिषा ने बेटी को जन्म दिया। इसी दौरान यमन में गृह युद्ध के हालात बनने लगे। ऐसे में थॉमन बेटी को लेकर भारत लौट आए और निमिषा ने यमन के अस्पताल में अपना काम जारी रखा।

निमिषा को क्यों मिली फांसी की सजा?

निमिषा ने खुद का क्लीनिक खोलने की चाह से महदी को अपना बिजनेस पार्टनर बनाया, लेकिन महदी ने निमिषा को ही धोखा दे दिया। महदी ड्रग्स के नशे में निमिषा का शारीरिक और मानसिक शोषण करने लगा। साथ ही उसने निमिषा का पासपोर्ट भी हड़प लिया।

2017 में निमिषा ने महदी को बेहोशी की दवा दी और अपना पासपोर्ट लेकर यमन से भाग निकली। हालांकि दवा का डोज ज्यादा होने के कारण महदी की मौत हो गई। वहीं, घटना के 1 महीने बाद पुलिस ने निमिषा को यमन-सऊदी बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया।













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