डेली संवाद, नई दिल्ली/शिमला। Himachal Chief Minister Sukhvinder Sukhu Meeting: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और 16वें वित्तायोग के अध्यक्ष डॉ.अरविंद पनगढ़िया से मुलाकात की। सीएम सुक्खू ने गडकरी से कुछ सड़कें प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने गडकरी को हिमाचल में बाढ़ और लैंडस्लाइड से हुए भारी नुकसान से अवगत करवाया।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने NH प्रोजेक्ट में विभिन्न कारणों से हो रहे विलंब के बारे में भी केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी और इन परियोजनाओं की सभी औपचारिकताएं पूरी करवाने का आग्रह किया ताकि निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जा सके। उन्होंने एनएच प्रोजेक्ट में सुरंग निर्माण को प्राथमिकता देने पर भी बल दिया।
16वें वित्त आयोग अध्यक्ष से की मीटिंग
इस दौरान हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, सचिव लोक निर्माण अभिषेक जैन, प्रधान आवासीय आयुक्त सुशील कुमार सिंगला और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू ने आज (मंगलवार को) दिल्ली में 16वें वित्तायोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने हिमाचल की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए वित्तायोग से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा, राज्य की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए आयोग से हिमाचल के हित में सिफारिश करने का अनुरोध किया।
पहाड़ी राज्यों में खर्च कई गुना अधिक
मुख्यमंत्री ने कहा कि, पहाड़ी राज्यों में अन्य राज्यों की तुलना में खर्च कई गुना अधिक होता है। इसलिए पहाड़ी राज्यों को उनकी जनसंख्या के अनुपात से कम से कम दोगुना हिस्सा मिलना चाहिए। उन्होंने आयोग से राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित राजस्व संसाधनों को ध्यान में रखते हुए राजस्व घाटा अनुदान जारी रखने का आग्रह किया।
राजस्व घाटा अनुदान में भारी कटौती
उन्होंने कहा, 15वें वित्त आयोग द्वारा राजस्व घाटा अनुदान में भारी कटौती की गई है, जिसके चलते राज्य को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। सुक्खू ने पहाड़ी राज्यों के लिए वार्षिक बजट में अलग से ग्रीन फंड का प्रावधान करने अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि इस विषय में प्रधानमंत्री के साथ भी चर्चा की गई है। डॉ. पनगढिया को अवगत करवाया और इन सुझावों को स्वीकार करने का आग्रह किया।