डेली संवाद, नई दिल्ली। Colour Codes On Food Packets: भारत में खाने को लेकर लोगों की पसंद बहुत अलग-अलग है। कोई प्योर वेजिटेरियन है, तो कोई नॉन वेजिटेरियन। कुछ लोग मीट नहीं खाते लेकिन अंडा खाते हैं, वहीं अब कई लोग पूरी तरह से Vegan भी हो चुके हैं- यानी न दूध, न घी, न अंडा, बस पूरी तरह से प्लांट बेस्ड डाइट। पैकेज्ड फ़ूड लेबल पर सिर्फ़ लाल और हरे रंग के निशान ही नहीं होते। इन लेबलों में आमतौर पर पाँच रंगों का इस्तेमाल होता है, जिनमें से प्रत्येक का एक विशिष्ट अर्थ होता है।
ये सिर्फ डिजाइन का हिस्सा नहीं
इसलिए, यह जरूरी हो गया है कि हम जो भी खाएं, उसके बारे में पूरी जानकारी रखें। ऐसे में, अगर आप ध्यान से देखें तो खाने-पीने की हर चीज के पैकेट पर एक छोटा-सा रंगीन निशान होता है- कभी हरा, कभी लाल, कभी पीला, नीला या काला।
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बता दें, ये सिर्फ डिजाइन का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि आपकी सेहत से जुड़ी अहम जानकारी देते हैं। आज जानते हैं कि इन रंगों का मतलब क्या होता है और खासतौर पर काले निशान से क्यों आपको सतर्क रहना चाहिए।

हरे और लाल निशान
हरा निशान: यह दर्शाता है कि प्रोडक्ट पूरी तरह से वेजिटेरियन (Vegetarian) है। यानी इसमें कोई मीट, अंडा या अन्य जानवरों से मिलने वाला प्रोडक्ट नहीं है।
लाल निशान: यह संकेत देता है कि यह प्रोडक्ट नॉन वेजिटेरियन (Non-Vegetarian) है। अगर आप वेजिटेरियन हैं, तो इस पर खास ध्यान दें।
अभी तक ज्यादातर लोग सिर्फ इन दो रंगों को पहचानते हैं, लेकिन जानकारी यहीं खत्म नहीं होती है।
नीला निशान (Blue Colour)
यह दर्शाता है कि यह प्रोडक्ट दवा से संबंधित है। इसका मतलब यह है कि इसका इस्तेमाल किसी मेडिकल स्थिति के लिए हो सकता है, और इसे डॉक्टर की सलाह के बिना इस्तेमाल न करें।
पीला निशान(Yellow Colour)
यह इस बात का संकेत है कि प्रोडक्ट में अंडा मौजूद है। कई लोग अंडा नहीं खाते, ऐसे लोगों के लिए यह जानकारी बहुत जरूरी है।

काला निशान (Black Colour)
अगर किसी खाने के पैकेट पर काला निशान बना है, तो यह इस बात का संकेत है कि उस प्रोडक्ट में काफी मात्रा में केमिकल्स मौजूद हैं। यह स्वाद बढ़ाने, रंग देने या लंबे समय तक खराब न होने के लिए डाले जाते हैं, लेकिन ज्यादा मात्रा में ये सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
एक्सपर्ट मानते हैं कि काले निशान वाले प्रोडक्ट्स का ज्यादा सेवन पाचन तंत्र, लिवर और किडनी पर असर डाल सकता है। लंबे समय तक इन्हें डाइट में शामिल करने से बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ सकता है।
क्या करें?
- हर बार जब आप कोई फूड आइटम खरीदें, तो उसके पैकेट पर लगे रंगीन निशान जरूर देखें।
- बच्चों के स्नैक्स, नमकीन, मीठे और पैकेज्ड फूड पर काले निशान ज्यादा देखने को मिलते हैं- इन्हें नियमित रूप से देने से बचें।
- अगर कोई प्रोडक्ट काले निशान वाला हो, तो बेहतर है कि उसे न खरीदें या बहुत कम मात्रा में ही इस्तेमाल करें।
खाने के पैकेट पर लगे छोटे-छोटे रंगीन निशान आपकी सेहत की सुरक्षा के लिए होते हैं- ये आपकी पसंद और जरूरत के हिसाब से सही च्वॉइस करने में मदद करते हैं। अब जब आप इनका मतलब जान चुके हैं, तो अगली बार मार्केट जाएं तो सिर्फ स्वाद या ब्रांड देखकर न खरीदें, बल्कि उसके रंगों की भाषा भी समझें।







