डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब (Punjab) के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने आज यहाँ पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था के विकास को उत्साहित करने में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की।
राज्य में कृषि विकास का मुख्य आधार
नाबार्ड के 44वें स्थापना दिवस को मनाने के लिए करवाए गए समागम को संबोधन करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने राज्य के किसानों को सशक्त बनाने और राज्य के सहकारी बैंकिंग नैटवर्क को मज़बूत करने में संस्था की अहम भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने ख़ास तौर पर सहकारी बैंकों और सोसायटियों को नाबार्ड द्वारा दिए गए कम ब्याज दर वाले कर्जों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सुलभ वित्तीय स्रोत इन संस्थाओं को बदले में किसानों को किफ़ायती कर्ज़ प्रदान करने के समक्ष बनाते हैं, जोकि राज्य में कृषि विकास का मुख्य आधार हैं।
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वित्त मंत्री ने राज्य की तरक्की में बहुउद्देशीय सहकारी कृषि सेवा सोसायटियों की अहम भूमिका पर भी ज़ोर दिया। पंजाब के सहकारी क्षेत्र की सफलता की कहानियों के प्रमाण के तौर पर वित्त मंत्री चीमा ने 1920 में स्थापित ‘द लांबड़ा कांगड़ी एम.पी.सी.ए.एस.एस. लिमटिड, होशियारपुर’ के नुमायंदों को समागम में मौजूद लोगों के साथ अपनी सफलता की कहानी सांझी करने के लिए न्योता दिया। इस सोसायटी की सफलता प्रभावी सहकारी कार्यप्रणाली की एक प्रेरक उदाहरण के तौर पर काम करती है।
पंजाब की प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटियों (पैकस) की मौजूदा स्थिति पर बोलते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य में लगभग 3500 पैकस में से लगभग 1800 इस समय लाभ में चल रही हैं, जबकि बाकी वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रही हैं। उन्होंने पंजाब के किसानों को, जिन्होंने हमेशा कृषि नवीनता में देश का नेतृत्व किया है, को राज्य भर में पैकस नैटवर्क को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।