डेली संवाद, चंडीगढ़/जालंधर। Punjab News: पंजाब में अवैध कालोनियों और नाजायज तरीके से बनाई गई इमारतों को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने स्थानीय निकाय विभाग के प्रिंसीपल सैक्रेटरी, डायरेक्टर और पांच नगर निगमों के कमिश्नर व एक एडीसी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
जांलधर के आरटीआई एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह ने नगर निगम जालंधर (Jalandhar), नगर निगम अमृतसर (Amritsar), नगर निगम लुधियाना (Ludhiana), नगर निगम होशियारपुर (Hoshiarpur), नगर निगम फगवाड़ा (Phagwara) और नगर कौंसिल आदमपुर (Admapur) में गलत तरीके से कामर्शियल नक्शे और कालोनियां विकसित करने को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।

हाईकोर्ट का आदेश
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की तरफ से एडिशनल एजी विनयपाल यादव और फगवाड़ा नगर निगम की तरफ से एडवोकेट हरिंदर कुमार अरोड़ा हाईकोर्ट में पेश होकर पक्ष रखा, लेकिन हाईकोर्ट की डबल बैंच के चीफ जास्टिस शील नागू और संजीव बैरी ने अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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याचिकाकर्ता सिमरनजीत सिंह के मुताबिक जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, होशियारपुर और फगवाड़ा नगर निगम और नगर कौंसिल आदमपुर के अफसरों की मिलीभगत से गलत तरीके से कामर्शियल नक्शे पास किए गए और कालोनियां विकसित की गई, जिससे सरकार को करीब 200 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।
इन निगमों के अफसरों को नोटिस
सिमरनजीत सिंह ने कहा है कि हाईकोर्ट ने जालंधर समेत पांचों नगर निगमों और आदमपुर के मामले में एडीसी को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही स्थानीय निकाय विभाग के प्रिंंसीपल सैक्रेटरी और डायरेक्टर को भी नोटिस जारी किया गया है। कोर्ट ने कहा कि 14 अक्टूबर से पहले संबंधित इमारतों और कालोनियों से जुड़े दस्तावेज को लेकर एफिडेविट समेत जवाब दें। इसकी एडवांस कापी सिमरनजीत सिंह को दी जाए।
200 करोड़ की रिकवरी हो सकती है
सिमरनजीत सिंह के मुताबिक अगर इसकी जांच हो तो कई अफसर की कारगुजारी सामने आ सकती है। क्योंकि इसमें सरकार को कम से कम 200 करोड़ की रिकवरी भी हो सकती है। सिमरनजीत सिंह के मुताबिक इन पांचों नगर निगमों औऱ एक नगर कौंसिल में करीब 800 कामर्शियल इमारतें हैं, जिनमें कईयों के नक्शे भी पास नहीं है, जबकि कई तो नक्शे के विपरीत बनाई हैं। इसी तरह करीब 50 ऐसी कालोनियां विकसित कर दी गई, जो नियमों के विपरीत हैं।

शामलाट की जमीन पर कब्जा
सिमरनजीत सिंह के मुताबिक अमृतसर नगर निगम में करीब 400 कामर्शियल इमारतें हैं, जबकि जालंधर में करीब 250 कामर्शियल इमारतें हैं, जो बिल्डिंग बायलाज का उल्लंघन कर बनाई गई हैं। याचिका में कहा गया है कि अमृतसर जिले के पिंड भरारीवाल अर्बन में शामलाट की जमीन पर कब्जा कर के नगर निगम के एमटीपी की मिलीभगत से 4 एनओसी गलत तरीके से जारी की गई।
इसके साथ ही जीटी रोड अमृतसर में 4 मैरिज पैलेस, जो कि कागजों में सील है और आर्मी डंप के साथ हैं, जहां नगर निगम ने नोमेंस जोन घोषित किया है। लेकिन ये मैरिज पैलेस वहां चल रहे हैं। अमृतसर के बाजार बक्करवाना में 21 होटल नाजयाज तौर पर चल रहे हैं। जिसको नोटिस जारी किया गया है।

धोगड़ी रोड पर नाजायज तौर पर कालोनी
इसी तरह जालंधर के नाज सिनेमा के पीछे कई शोरूम को मिलाकर नाजायज निर्माण का जिक्र किया गया है। धोगड़ी रोड पर नाजायज तौर पर कालोनी बनाई जा रही है। मिट्ठापुर और 66 फुटी रोड पर में 19 कामर्शियल इमारतें बनाई गई हैं। नंगलशामां में बनी मार्केट का जिक्र भी किया गया है।
जालंधर के रामामंडी रोड पर नगर निगम द्वारा गलत तरीके से कालोनी पास की गई। पुलिस लाइन में कामर्शियल इमारत नक्शे के विपरीत बनाई गई। होटल मैरिटन औऱ पीटूपी का भी जिक्र है। जीटीबी नगर में अंकुर अस्पताल, गार्डन कालोनी रोड पर 6 शोरूम के निर्माण का जिक्र किया गया है।
आदमपुर में 20 इमारतों का जिक्र
इसके अलावा नगर कौंसिल आदमपुर में करीब 20 कामर्शियल इमारतों का जिक्र किया गया है। याचिका दायर करने के साथ साथ सिमरनजीत सिंह ने मांग की है कि नगर निगमों व नगर कौंसिल के संबंधित अफसरों के खिलाफ सख्त कार्ऱवाई होनी चाहिए।







