डेली संवाद, लुधियाना। Punjab News: पंजाब के लुधियाना में मेयर से मिलने पहुंचे बीजेपी (BJP) पार्षदों ने ज़ोरदार हंगामा किया। दरअसल, लुधियाना में नगर निगम जोन-D कार्यालय में शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) की मेयर प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर से मुलाकात करने पहुंचे बीजेपी पार्षदों और समर्थकों के बीच जोरदार हंगामा हुआ। घटना के बाद थाना डिवीजन नंबर-5 में भाजपा पार्षदों सहित 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

20 अज्ञात लोगों पर कार्रवाई
घटना 1 अगस्त की है जब बीजेपी के 18 पार्षद विकास कार्यों को लेकर अपनी शिकायतें लेकर मेयर कार्यालय पहुंचे थे।पुलिस ने कुलवंत सिंह कांती, विशाल गुलाटी, जतिंदर गोरयन, मुकेश खत्री और गौरवजीत गोरा के नाम FIR में दर्ज किए हैं। इनके साथ 20 अज्ञात लोगों पर भी कार्रवाई की गई है। इन सभी पर भारतीय न्याय संहिता की धाराएं के तहत केस दर्ज हुआ है।
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थाना डिवीजन नंबर-5 के SHO बिक्रमजीत सिंह ने जानकारी दी कि मामला गंभीर है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। मेयर कार्यालय में तैनात कर्मचारी सौदागर सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि भाजपा पार्षदों ने इंद्रजीत कौर से मुलाकात का समय लेकर कार्यालय में प्रवेश किया। लेकिन बातचीत के दौरान पार्षदों ने मेयर से बहस की और कार्यालय में हंगामा मचा दिया।
BJP की प्रतिक्रिया सामने आई
आरोप है कि जब मेयर किसी सार्वजनिक बैठक में जा रही थीं, तब उन्हें जबरन रोका गया और उनकी ड्यूटी में बाधा पहुंचाई गई। विवाद पर बीजेपी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
बीजेपी जिला अध्यक्ष रजनीश धीमान ने कहा, “हमारे पार्षद जनता की समस्याएं लेकर मेयर से मिलने गए थे। अगर FIR दर्ज करनी है तो उन पर भी कर दीजिए, वह खुद धरने में मौजूद था। भाजपा हमेशा संघर्ष करती रही है, पीछे नहीं हटी है।”

भाजपा पार्षदों ने धरना लगाया
पार्षदों का आरोप है कि उनके वार्डों में कोई काम नहीं हो रहा और अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। मेयर से संवाद के दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि नारेबाजी और बहस के बीच पार्षदों को सुरक्षा कर्मचारियों ने कार्यालय से बाहर निकाल दिया। इसके बाद बीजेपी पार्षदों ने धरना लगा दिया। इस धरने दौरान भाजपा पार्षदों ने मांग की थी कि मेयर की तरफ से जब तक माफी नहीं मांगी जाती तब तक धरना जारी रहेगा।
वहीं इस मामले में मेयर का कहना है कि शांतिपूर्ण माहौल में मीटिंग चल रही थी, समस्याएं सुनी जा रही थी। साथ ही साथ हल करने का निर्देश अधिकारियों को दिया जा रहा था। पर बीजेपी के कुछ काउंसलरों ने ऊंची आवाज में बात की, शोर सुनकर गनमेन अंदर आए तो बीजेपी के काउंसलरों ने मुद्दा बना लिया। उनकी ओर से कोई बुरा व्यवहार नहीं किया गया है।






