डेली संवाद, जालंधर। Aaj Ka Panchang 06 August 2025: आज 06 अगस्त 2025 की तारीख है, बुधवार (Wednesday) का दिन है। आज यानी 06 जुलाई को सावन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। यह तिथि दोपहर 02 बजकर 08 मिनट तक है। इसके बाद फिर त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। हर महीने त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ऐसे में इस बार आज यानी 06 अगस्त को किया जा रहा है।
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धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन महादेव (Lord Shiv) और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने से साधक को सभी डर से छुटकारा मिलता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। सावन के अंतिम प्रदोष व्रत के दिन कई शुभ और अशुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 06 August 2025) के बारे में।

आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 06 August 2025)
- तिथि: शुक्ल द्वादशी
- मास पूर्णिमांत: सावन (श्रावण)
- दिन: बुधवार
- संवत्: 2082
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर
- सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 08 मिनट पर
- चंद्रमा का उदय: शाम 07 बजकर 11 मिनट पर
- चन्द्रास्त: 7 अगस्त को रात 03 बजकर 21 मिनट पर
- सूर्य राशि: कर्क
- चंद्र राशि: धनु
- पक्ष: शुक्ल
शुभ समय अवधि
- अभिजीत मुहूर्त: कोई नहीं
- अमृत काल: प्रातः 06 बजकर 10 मिनट से 07 बजकर 52 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
- राहुकाल: दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से 02 बजकर 07 मिनट तक
- गुलिक काल: प्रातः 10 बजकर 46 से 12 बजकर 27 मिनट तक
- यमगण्ड: प्रातः 07 बजकर 26 मिनट से 09 बजकर 06 मिनट तक
- आज भी मूल नक्षत्र में रहेंगे…
- मूल नक्षत्र: दोपहर 01 बजे तक
- सामान्य विशेषताएं: क्रोधी, स्थिर मन, अनुशासनप्रिय, आक्रामक, गंभीर व्यक्तित्व, उदार, मिलनसार, दानशील, ईमानदार, कानून का पालन करने वाले, अहंकारी और बुद्धिमान
- नक्षत्र स्वामी: केतु
- राशि स्वामी: बृहस्पति
- देवता: निरति (विनाश की देवी)
- प्रतीक: पेड़ की जड़े

बुध प्रदोष व्रत 2025
प्रदोष व्रत भगवान शिव की उपासना का अत्यंत पुण्यदायक दिन होता है। जब यह व्रत बुधवार के दिन और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है, तो इसे बुध शुक्ल प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह दिन विशेष रूप से बुद्धि, वाणी और व्यापार में सफलता, साथ ही शिव कृपा प्राप्त करने के लिए अति श्रेष्ठ माना जाता है।
इस दिन भगवान शिव अपनी संपूर्ण परिवार सहित भक्तों को दर्शन देते हैं। व्रत करने से पापों का नाश, मन की शांति और जीवन में शुभता आती है।
त्रयोदशी की अवधि-
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 6 अगस्त 2025 को दोपहर 02 बजकर 08 मिनट तक
- त्रयोदशी तिथि समाप्त: 7 अगस्त 2025 को दोपहर 02 बजकर 27 मिनट तक

व्रत की पूजा विधि-
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- दिनभर उपवास रखें या फलाहार करें।
- संध्या के समय, सूर्यास्त के बाद और प्रदोष काल में शिवजी का पूजन करें।
- शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, पुष्प, अक्षत आदि अर्पित करें।
- ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र या शिव चालीसा का पाठ करें।
- दीप जलाकर शिवजी की आरती करें और प्रार्थना करें।
- ब्राह्मण या गरीब को अन्न-वस्त्र दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।






