PM Narendra Modi: पीएम नरेंद्र मोदी ने किया कर्तव्य भवन का उद्घाटन, क्या है इस नए भवन की खूबियां? पढ़ें

Daily Samvad
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PM Narendra Modi Kartavya Bhavan Inauguration

डेली संवाद, नई दिल्ली। PM Narendra Modi Kartavya Bhavan Inauguration Photos Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को दिल्ली में कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन-03 बिल्डिंग का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कहा- कर्तव्य भवन में विकसित भारत की नीतियां बनेंगी। ये सिर्फ इमारत नहीं, करोड़ों लोगों के सपनों को साकार करने की भूमि है।

सालाना 1500 करोड़ रुपए रेंट की बचत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कर्तव्य भवन की जरूरत के बारे में बताया कि, 100 सालों से होम मिनिस्ट्री एक ही बिल्डिंग में है। कुछ मंत्रालय किराए की बिल्डिंग में हैं। सालाना 1500 करोड़ रुपए रेंट देना पड़ता है। इससे सरकार का कितना खर्च हो रहा है।

PM Narendra Modi Kartavya Bhavan Inauguration Photos
PM Narendra Modi Kartavya Bhavan Inauguration Photos

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा

कर्तव्य भवन (Kartavya Bhavan) 2019 में शुरू हुई सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है और कॉमन सेंट्रल सेक्रेटरिएट (CSS) की 10 में से पहली बिल्डिंग है। कर्तव्य भवन-03 का उद्घाटन सबसे पहले किया गया है।

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इसे दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर स्थित विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक साथ लाकर उनके बीच बेहतर कोआर्डिनेशन और कामों में तेजी लाने के लिए डिजाइन किया गया है।

PM Narendra Modi Kartavya Bhavan Inauguration Photos Update
PM Narendra Modi Kartavya Bhavan Inauguration Photos Update

कर्तव्य भवन-3 में 7 फ्लोर, 24 कॉन्फ्रेंस रूम

कर्तव्य भवन-3 (Kartavya Bhavan) में ग्राउंड फ्लोर सहित 7 फ्लोर हैं। यहां गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, MSME मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) और इंटेलिजेंस ब्यूरो के ऑफिस होंगे।

कर्तव्य भवन (Kartavya Bhavan) 1.5 लाख वर्ग मीटर में फैला है। यहां एक साथ 600 कारें खड़ी हो सकती हैं। इसमें क्रेच (शिशुगृह), योग रूम, मेडिकल रूम, कैफे, किचन और हॉल है। कर्तव्य भवन में 24 कॉन्फ्रेंस रूम भी हैं। हर रूम 45 लोगों के बैठने की क्षमता है।

अब संरचनात्मक रूप से जर्जर

सरकार के अनुसार, अभी कई मंत्रालय 1950 और 1970 के दशक के बीच बने शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों में काम कर रहे हैं, जो अब संरचनात्मक रूप से जर्जर हो चुकी हैं।














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