डेली संवाद, नई दिल्ली/अमेरिका। Trump Tariffs: अमेरिका (America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारतीय सामान के आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ (Tariffs) लगा दिया है। इससे अब भारत पर लगने वाला टैरिफ 50% हो गया है। इससे भारत की इकोनॉमी को नुकसान हो सकता है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ट्रंप के इस कदम से वित्तीय वर्ष (FY26) में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट में 0.4 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) की इकोनॉमिक्स स्पेशियलिस्ट सोनल बधान के अनुसार शुरुआत में 25-26 प्रतिशत टैरिफ के आधार पर (जीडीपी वृद्धि पर) लगभग 0.2 प्रतिशत प्रभाव का अनुमान था। मगर अब 25 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोतरी 21 दिनों के बाद लागू होगी। इस दौरान या आने वाले महीनों में, कम टैरिफ पर बातचीत की संभावना है।

इन सेक्टरों पर पड़ सकता है असर
सोनल बधान ने आगे कहा कि फाइनल ट्रेड एग्रीमेंट के आधार पर, जीडीपी ग्रोथ पर इन टैरिफ का कुल प्रभाव 0.2-0.4 प्रतिशत के बीच हो सकता है। जिन क्षेत्रों पर इसका असर पड़ने की संभावना है उनमें वस्त्र, कीमती पत्थर, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, ऑटो पार्ट्स और एमएसएमई शामिल हैं।
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डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के इस कदम ने भारतीय निर्यातकों और ट्रेड एक्सपर्ट्स के बीच गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। नए टैरिफ से भारतीय वस्तुओं पर कुल अमेरिकी आयात शुल्क 50 प्रतिशत होगा, जिससे अमेरिकी बाजार में भारतीय चीजें काफी महंगी हो जाएंगी।

अतिरिक्त टैरिफ क्यों लगा?
डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आयात पर अतिरिक्त टैरिफ इसलिए लगाया है कि क्योंकि भारत रूस से कच्चा तेल आयात कर रहा है। ट्रंप की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि मुझे लगता है कि भारत सरकार डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से रूस से तेल आयात कर रही है। इसलिए लागू कानून के तहत अमेरिका के सीमा शुल्क क्षेत्र में आने वाली भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क रेट लागू होगी।
अब व्यापार संभव नहीं है
बैंकिंग और मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा कहते हैं कि यह हेवी शुल्क एक बड़ा झटका है। उन्होंने कहा, “भारत पर अभी 50 प्रतिशत शुल्क लागू है, लेकिन सच कहूँ तो, एक बार जब यह 25 प्रतिशत को पार कर गया, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यह 1,000 प्रतिशत हो या 5,000 प्रतिशत, अब व्यापार संभव नहीं है।”

बग्गा के मुताबिक क्रिसमस के ऑर्डर तैयार हैं और शिपमेंट पहले से ही तैयार हैं, ऐसे में यह कदम निर्यातकों को भारी नुकसान पहुँचा रहा है। अगर 1 अरब डॉलर का कपड़ा निर्यात को रोका जाता है, तो इसका सीधा असर लगभग 1,00,000 श्रमिकों पर पड़ेगा।






