डेली संवाद, देवघर। Manoj Tiwari And Nishikant Dubey fir case in Deoghar: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो सांसदों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज हुई है। मामला झारखंड (Jharkhand) के देवघर (Deoghar) का है। देवघर (Deoghar) के बाबा बैद्यनाथ मंदिर (Baba Baidyanath Temple) में एक नया विवाद सामने आया है। इसी विवाद में दोनों सांसदों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
पुलिस स्टेशन जाकर गिरफ्तारी दूंगा
जानकारी के अनुसार आदित्य वाहिनी के झारखंड (Jharkhand) प्रदेश महामंत्री और पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर ने भाजपा सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) और निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) सहित अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
इस मामले पर गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने अपने X हेंडल पर पोस्ट लिखा कि पूजा करने के कारण यह केस है,अभी तक 51 केस मेरे ऊपर दर्ज हैं। देवघर एयरपोर्ट से सीधे पुलिस स्टेशन जाकर गिरफ्तारी दूंगा।
झारखंड में @JharkhandPolice तथा उसके महानिदेशक कैसे भाजपा के कार्यकर्ता को केस में फँसाते हैं इसका प्रमाण देखिए,रॉंची में मकान,बच्चे की पढ़ाई और एवज़ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तथा विपक्ष के नेता @yourBabulal जी के सहयोगी सुनील तिवारी पर केस @INCIndia यही आपका शासन है pic.twitter.com/3spqF8APh2
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) August 8, 2025
मंदिर में जबरन प्रवेश करने का आरोप
कार्तिकनाथ ठाकुर के आवेदन के अनुसार, 2 अगस्त को रात लगभग 9 बजे जलार्पण बंद होने और कांचाजल चढ़ाने के बाद गोड्डा से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे, उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी, कनिष्कांत दुबे, शेषाद्रि दुबे, मनोज तिवारी के सचिव और अभयानंद झा सहित अन्य लोग जबरन निकास द्वार से मझलाखंड में प्रवेश किए।
यह भी पढ़ें: अहमदाबाद प्लेन क्रैश को लेकर ब्रिटेन का सनसनीखेज खुलासा
इस दौरान आरोपियों ने सुरक्षा ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की। पुरोहित और पुजारी के मना करने के बावजूद सभी लोग गर्भगृह के अंदर प्रवेश कर गए। इससे धार्मिक परंपरा और आस्था को ठेस पहुंची है। इस मामले को बाबा बैद्यनाथ मंदिर थाना में कांड संख्या 4/2025 के तहत दर्ज किया गया है।
कुर्सी और वर्दी समय के मेहमान हैं
वहीं, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मामले पर अपने X हेंडल पर लिखा- नीचता की हद पार करने पर उतारू होकर साजिश रचने और षड्यंत्र करने में लगे रहने वाले झारखंड पुलिस के कुछ अफसरों को याद रखना चाहिए कि वर्दी पहनने का मतलब जनता की रक्षा है, ना कि व्यक्तिगत वैमनस्यता और निजी स्वार्थ पूर्ति के लिये न्याय का गला घोंटना।
नीचता की हद पार करने पर उतारू होकर साज़िश रचने और षड्यंत्र करने में लगे रहने वाले झारखंड पुलिस के कुछ अफ़सरों को याद रखना चाहिए कि वर्दी पहनने का मतलब जनता की रक्षा है, ना कि व्यक्तिगत वैमनस्यता और निजी स्वार्थ पूर्ति के लिये न्याय का गला घोंटना।
अगर कानून के रक्षक ही साज़िश… pic.twitter.com/a5AXooMXKf
— Babulal Marandi (@yourBabulal) August 8, 2025
अगर कानून के रक्षक ही साजिश करने लगें, तो जनता का भरोसा टूटता नहीं, बल्कि एक दिन उठकर सच्चाई का तूफान बन जाता है। ये नहीं भूलना चाहिए कि कुर्सी और वर्दी समय के मेहमान हैं…कर्म और नीयत ही असली पहचान है!