डेली संवाद, लखनऊ। Yogi Adityanath: योगी सरकार (Yogi Government) विगत आठ वर्ष से अनेक सांस्कृतिक, साहित्यिक व आध्यात्मिक आयोजनों के जरिए युवाओं को देश के इतिहास व गाथा से परिचित करा रही है। योगी सरकार के निर्देश पर इस वर्ष भी 14 अगस्त को प्रदेश के सभी 75 जनपदों में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ का आयोजन होगा।
यह भी पढ़ें: भाजपा के दो बड़े नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज, राजनीति गरमाई
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के युवा एक तरफ जहां विभाजन की त्रासदी को जानेंगे, वहीं विस्थापित परिवार के लोग भी अपना दर्द बयां करेंगे। इस दौरान अनेक आयोजन भी होंगे। संस्कृति विभाग की देखरेख में होने वाले आयोजनों में अनेक सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा।

75 जनपदों में किया जाएगा आयोजन
भारत के विभाजन के दौर में अपने परिवारीजन के प्राण न्योछावर करने वालों की स्मृति में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने का निर्णय किया गया है। इस वर्ष भी राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी 75 जनपदों में इसका आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में विभाजन विभीषिका के दौरान विस्थापित परिवारों के सदस्यों को आमंत्रित करने के साथ ही त्रासदी के दौरान प्राण गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी।
देववाणी संस्कृत भारत की आत्मा की अभिव्यक्ति, ऋषियों की वाणी का स्पंदन और सनातन ज्ञान का अनंत स्रोत है।
यह भाषा हमारी परम्परा, प्रज्ञा और वैश्विक बौद्धिकता की आधारभूमि है।
आइए, विश्व संस्कृत दिवस पर इस अमृत वाणी के संरक्षण, प्रसार और दैनिक जीवन में प्रयोग हेतु संकल्पित हों। pic.twitter.com/igmsW9HRuK
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 9, 2025
सरकार ने संस्कृति विभाग को निर्देश दिया है कि इसमें सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया, उत्तर प्रदेश सिंधी सभा, उत्तर प्रदेश सिंधी एकेडमी, सनातनी पंजाबी महासभा समेत अनेक सामाजिक व गैर सरकारी संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा।
फिल्में-डॉक्यूमेंट्री आदि भी दिखाई जाएगी
जनपदों में प्रशासन द्वारा चयनित स्थलों पर विभाजन विभीषिका से संबंधित अभिलेख प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें तत्कालीन घटना के फोटो, अखबारों की कतरनें, साहित्य, राजकीय अभिलेख, विस्थापित परिवारों की संरक्षित सामग्री के जरिए युवा उस समय की घटनाओं से वाकिफ होंगे।
प्रदर्शनी में स्थानीय प्रकाशक व पुस्तक विक्रेता भी हिस्सा लेंगे। संस्कृति विभाग के निर्देशन में प्रदेश के सभी 75 जनपदों में भारत-पाकिस्तान विभाजन विभीषिका से जुड़ीं फिल्में/डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शनी स्थलों के साथ ही विद्यालयों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में भी दिखाई जाएंगी।






