UP News: विधानसभा में सीएम ने बीते साढ़े आठ साल में हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और निवेश की उपलब्धियों का पेश किया ब्योरा

Muskan Dogra
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CM Yogi In Vidhansabha

डेली संवाद, लखनऊ। UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गुरुवार को विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सदन को संबोधित करते हुए अपने साढ़े आठ साल के कार्यकाल (2017-2025) की उपलब्धियों का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया और विपक्षी दलों के 1947 से 2017 तक के शासनकाल की तुलना की। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके “विजन” को देखकर आश्चर्य होता है, क्योंकि 70 वर्षों में विपक्षी सरकारें अधूरे नेटवर्क और ठहरे निवेश के साथ प्रदेश को विकास के पथ पर आगे नहीं ले जा सकीं।

पीडीए जनता की आखों में धूल झोंंकने का खेल

मुख्यमंत्री (Yogi Adityanath) ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश के उद्योग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बर्बाद करने का कार्य विपक्ष के शासनकाल में हुआ। इसमें कानपुर को तबाह कर दिया गया। व्यापारियों और उद्यमियों से हफ्ता वसूली की जाती थी। उन्होंने कहा कि विपक्षी शासनकाल में एमएसएमई क्लस्टर को मरणासन्न स्थिति में पहुंचा दिया गया था। जबकि, परंपरागत उद्यमों से गांव के गरीब, वंचित और पिछड़ा वर्ग ही सबसे ज्यादा जुड़ा हुआ है।

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हमारी सरकार ने बिना भेदभाव के परंपरागत उद्यम को बढ़ावा दिया, ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और पैकेजिंग पर काम किया। टूलकिट उपलब्ध कराये गये। सीएम योगी ने विपक्ष के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारे को जनता की आंखों में धूल झोंकने का खेल करार दिया और कहा कि उनकी सरकार ने वास्तव में पिछड़े, गरीब और अल्पसंख्यक शिल्पियों के लिए काम किया है।

अंतिम चरण में है जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण

इसके विपरीत, योगी ने अपने कार्यकाल को जल-थल-नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी वाला दौर बताया। उन्होंने बताया कि पूंजीगत व्यय 2017 में 69,789 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 1,47,719 करोड़ रुपये हो गया। एक्सप्रेसवे की संख्या 2 से बढ़कर 22 हो गई, जिसमें 7 संचालित, 5 निर्माणाधीन और 10 प्रस्तावित हैं, जो देश का सबसे बड़ा नेटवर्क है। उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क स्थापित हुआ है। दादरी (नोएडा) में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब का विकास हो रहा है और ईस्टर्न व वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन बनाया गया है।

CM Yogi In Vidhansabha
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सुनियोजित लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित किए गए हैं। हवाई अड्डों की संख्या 16 तक पहुंच गई है, जिनमें 5 निर्माणाधीन हैं और प्रदेश में 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण अंतिम चरण में है, जो इस वर्ष के अंत में शुरू होगा। हवाई जहाज के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहालिंग के लिए एमआरओ नीति बनाई गई है और एक्सप्रेसवे के किनारे 27 औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। ये सुधार लॉजिस्टिक लागत को कम कर रहे हैं और निवेश व रोजगार को नए आयाम दे रहे हैं।

अदूरदर्शी निर्णयों ने सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को तालाबंदी की ओर धकेल दिया

औद्योगिक विकास के मोर्चे पर योगी ने विपक्ष के शासनकाल को नाकाम बताया, जब बदहाल कानून व्यवस्था के कारण निजी निवेशकों की अरुचि थी, औद्योगिक नीति का अभाव था और अदूरदर्शी निर्णयों ने सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को तालाबंदी की ओर धकेल दिया। पारंपरिक शिल्पकला और उद्योगों को कोई प्रोत्साहन नहीं मिला, जिसके चलते हर जनपद के सूक्ष्म और लघु उद्योग मरणासन्न हो गए। इसके उलट, पिछले आठ वर्षों में पंजीकृत कारखानों की संख्या 14,169 से बढ़कर 27,295 हो गई। 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए, जिनमें 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं धरातल पर उतरीं, जिससे 60 लाख से अधिक नौजवानों को नौकरी और लाखों लोगों को रोजगार मिला। 33 सेक्टोरल नीतियों और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के माध्यम से परंपरागत उद्यमों को तकनीक और पैकेजिंग से जोड़ा गया। उत्तर प्रदेश के 77 जीआई टैग उत्पाद देश में अव्वल हैं, जो वैश्विक स्तर पर नई पहचान बना रहे हैं।

नेताजी को किया बदनाम, ‘चच्चा’ भी गच्चा खा गये…

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने स्वदेशी को बढ़ावा दिया, जबकि विपक्ष ने शिल्पकारों को हतोत्साहित किया, जिससे वे पलायन और भुखमरी की कगार पर पहुंच गए। पिछले आठ वर्षों में गांव के मोची, कारीगर और कुम्हार को टूलकिट देकर उनके संवर्धन का कार्य किया गया, जिससे उनके जीवन में परिवर्तन आया। पहले पर्व-त्योहारों पर बाजार चीनी सामान से भरे रहते थे, लेकिन अब यूपी के हस्तशिल्पियों और कारीगरों के उत्पादों से सजते हैं। योगी ने बताया कि वह हर अतिथि को ओडीओपी उत्पाद उपहार में देते हैं, जबकि विपक्षी सरकारें सैफई महोत्सव में विदेशी फूलों के गुलदस्ते मंगवाती थीं।

Yogi Adityanath CM
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मुख्यमंत्री ने बताया कि एमएसएमई नीति-2022 के तहत 96 लाख इकाइयों के साथ उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष पर है, जिससे पौने दो करोड़ रोजगार सृजित हुए। औद्योगिक ऋण वितरण 2017 में 3.54 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 9.24 लाख करोड़ रुपये हो गया। सिंगल विंडो सिस्टम और निवेश सारथी पोर्टल ने उद्यमियों को सहूलियत दी।

इंटरनेशनल ट्रेड शो में कोई हिन्दू-मुस्लिम नहीं देखता

प्रदेश में हर साल उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन हो रहा है, वहां कोई हिन्दू मुस्लिम नहीं देखता। इसमें 2024 में 500 से अधिक देशी-विदेशी ट्रेडर्स ने हिस्सा लिया और 2,200 करोड़ रुपये के ऑर्डर प्राप्त हुए। एफडीआई नीति-2023 के तहत फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों को आकर्षित किया गया। अप्रैल 2000 से जून 2017 तक जहां केवल 3,303 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया, वहीं अप्रैल 2017 से अब तक 16,316 करोड़ रुपये का एफडीआई प्राप्त हुआ।




















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