ED Raid: पंजाब-हरियाणा और महाराष्ट्र में 10 जगहों पर ED की छापेमारी, 73.72 करोड़ की संपत्ति फ्रीज

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर/चंडीगढ़/मुंबई। ED Raid Punjab Haryana Maharashtra Vuenow Infratech Limited and Big Boy Toyz Offices: ईडी (ED) जालंधर (Jalandhar) की टीम ने पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) और महाराष्ट्र (Maharashtra) के 10 घरों और कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में व्यूनाउ ग्रुप (Vuenow Infratech Limited) ऑफ कंपनियों के खिलाफ हुई, जिसमें व्यूनाउ इंफ्राटेक लिमिटेड, उसके डायरेक्टर राहुल आनंद भार्गव और जुड़े अन्य लोग शामिल हैं।

ईडी (ED) की यह छापेमारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत की गई। तलाशी में ईडी ने 23.90 लाख रुपये नकद, इलेक्ट्रॉनिक सामान और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए। साथ ही 63.49 करोड़ रुपये के शेयर और 9.99 करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज की गई। कुल मिलाकर 73.72 करोड़ रुपये की संपत्ति पर कार्रवाई हुई।

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पहले भी हुई है छापेमारी

आपको बता दें कि इससे पहले भी जनवरी 2025 में ED ने पंजाब-हरियाणा और मुंबई में 11 जगहों पर लगातार 72 घंटे तक रेड की थी। गुरुग्राम, पंचकूला, जींद, मोहाली और मुंबई में व्यूनाउ मार्केटिंग सर्विसेज (Vuenow Infratech Limited), बिग बॉय टॉयज (Big Boy Toyz) समेत 6 कंपनियों से कई लग्जरी कारें और 3 लाख रुपए कैश जब्त किए गए थे।

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उस कार्रवाई में ED ने एक लैंड क्रूजर (2.20 करोड़), मर्सिडीज जी-वैगन (4 करोड़), डिजिटल डिवाइस और आपत्तिजनक दस्तावेज भी कब्जे में लिए थे। जनवरी की रेड व्यूनो इंफ्राटेक लिमिटेड, मांदेशी फूड्स प्राइवेट। लिमिटेड, प्लैंकडॉट प्रा. लिमिटेड, बाइटकेनवास एलएलपी, स्काईवर्स, स्काईलिंक नेटवर्क और अन्य संबंधित कंपनियों के ठिकानों पर की गई थी।

ED Riad
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करोड़ों की ठगी से जुड़ा है मामला

ईडी की जांच में पता चला कि व्यूनाउ मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड ने कई अन्य कंपनियों के साथ मिलकर निवेशकों से करोड़ों रुपये ठग लिए। उन्होंने लोगों को ज्यादा रिटर्न का लालच दिया और “क्लाउड पार्टिकल्स बेचने व उन्हें वापस लीज पर देने” (SLB मॉडल) के नाम पर पैसा जुटाया, जबकि इसके लिए असली इन्फ्रास्ट्रक्चर उनके पास था ही नहीं।

ईडी की शिकायत पर नोएडा के गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने भी BNS 2023 की अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया। जांच में सामने आया कि जुटाए गए पैसों से कंपनियों ने महंगी गाड़ियां खरीदीं, फर्जी (शेल) कंपनियों के जरिए फंड इधर-उधर घुमाया और संपत्तियां खरीदकर रकम को डायवर्ट किया।

BBT
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शेल कंपनियों तक का नेटवर्क

इन कंपनियों की कमाई का बड़ा हिस्सा Big Boy Toyz जैसी संस्थाओं में लगाया गया, जो भारत में लग्जरी गाड़ियां बेचती है। शेल कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये का लेन-देन कर संपत्ति खरीदना और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) करना इनके नेटवर्क का अहम हिस्सा था।

इससे पहले 26 नवंबर 2024 को भी PMLA के तहत व्यूनाउ मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड और अन्य संबंधित संस्थाओं के कई परिसरों पर तलाशी ली गई थी। तब भी ED को कई अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले थे, जिनके आधार पर आगे की जांच में 2025 की ये कार्रवाइयां की गईं।















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