Amit Shah Bills: पीएम-सीएम और मंत्री की गिरफ्तारी या 30 दिन तक हिरासत में रहने पर पद से होगी छुट्टी, अमित शाह ने पेश किया बिल, विपक्ष ने किया जमकर विरोध

Daily Samvad
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Amit Shah

डेली संवाद, नई दिल्ली। Amit Shah Bills 2025 Update: प्रधानमंत्री (PM) और मुख्यमंत्री (CM) या किसी भी मंत्री को गिरफ्तारी या 30 दिन तक हिरासत में रहने पर पद छोड़ना होगा। शर्त यह है कि जिस अपराध के लिए हिरासत या गिरफ्तारी हुई है, उसमें 5 साल या ज्यादा की सजा का प्रावधान हो। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को लोकसभा में इससे संबंधित तीन बिल पेश किए।

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तीनों विधेयकों के खिलाफ लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने तीनों बिलों को वापस लेने की मांग की। विपक्ष ने गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के ऊपर कागज के गोले फेंके। कांग्रेस, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और सपा ने बिलों को न्याय विरोधी, संविधान विरोधी बताया। इस पर शाह ने बिलों को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजने की बात कही।

Amit Shah and Venu Gopal
Amit Shah and Venu Gopal

अमित शाह और वेणुगोपाल में बहस

गंभीर आरोपों में गिरफ्तार और 30 दिनों से ज्यादा समय तक हिरासत में रखे गए चुने हुए नेताओं को हटाने संबंधी विधेयक पर विपक्ष और सरकार के बीच लोकसभा में तीखी बहस के दौरान, कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के बीच इस कानून की नैतिकता को लेकर एक छोटी लेकिन तीखी बहस भी हुई।

वेणुगोपाल ने उठाए सवाल

वेणुगोपाल ने कहा, “यह विधेयक देश की संघीय व्यवस्था को तहस-नहस करने वाला है, इसका उद्देश्य संविधान के मूल सिद्धांतों को तहस-नहस करना है। भाजपा के नेता कह रहे हैं कि यह विधेयक राजनीति में नैतिकता लाने वाला है। क्या मैं गृह मंत्री से एक सवाल पूछ सकता हूं? जब वे गुजरात के गृह मंत्री थे, तब उन्हें गिरफ्तार किया गया था। क्या उन्होंने उस समय नैतिकता का पालन किया था?”

Amit Shah
Amit Shah

आईए जाने तीनों बिल के बारे में

  • पहला बिल: 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 है, जो केंद्र और राज्य सरकारों पर लागू होगा।
  • दूसरा बिल: गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 है, जो केंद्र शासित राज्यों के लिए है।
  • तीसरा बिल: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025 है, जिसे जम्मू-कश्मीर पर लागू किया जाएगा।

गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025

केंद्र सरकार के मुताबिक, अभी केंद्र शासित प्रदेशों में गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट, 1963 (1963 का 20) के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है।

इसलिए ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट, 1963 की धारा 45 में संशोधन की आवश्यकता है।

130वां संविधान संशोधन बिल 2025

केंद्र ने इस बिल को लेकर बताया कि संविधान में किसी ऐसे मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है जिसे गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार किया गया हो और हिरासत में लिया गया हो।

इसलिए ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री और राज्यों या नेशनल कैपिटल टेरिटरी दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन की जरूरत है।

Jammu-and-Kashmir-Tour
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जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025

जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 का 34) के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में संशोधन के बाद गंभीर आपराधिक केस में गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को 30 दिन में हटाने का प्रावधान होगा।

ऑनलाइन गेमिंग पर बैन लगाने वाला बिल भी पेश

केंद्र सरकार लोकसभा में आज ऑनलाइन गेमिंग पर बैन लगाने वाला बिल भी पेश किया। कैबिनेट ने 19 अगस्त को ऑनलाइन गेमिंग बिल को मंजूरी दी। इसमें ऑनलाइन मनी गेमिंग, विज्ञापन, खेल के लिए उकसाने वाले को सजा-जुर्माना या दोनों हो सकता है। तीन साल तक कैद या 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।















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