डेली संवाद, नई दिल्ली। Online Gaming Bill 2025: देश में ऑनलाइन गेमिंग को बंद करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। लोकसभा (Loksabha) ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल (Online Gaming), 2025 को पारित कर दिया है। बुधवार दोपहर पेश इस बिल को बिना किसी बहस के पारित कर दिया गया।
Online Gaming बिल के कानून बनने पर पैसे से जुड़ी सभी ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) पर प्रतिबंध लग जाएगा। इस कानून के अमल में आने पर लोग गूगल प्ले स्टोर से पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग एप (Online Gaming App) को डाउनलोड नहीं कर पाएंगे।

ई-स्पोर्ट्स को सरकार प्रोत्साहित करेगी
ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) के चक्कर में पड़े लोग सालाना 20 हजार करोड़ का नुकसान उठाते हैं, जिस वजह से उनका घर तबाह हो रहा है, वे आत्महत्या कर रहे हैं और उनका बैंक अकाउंट खाली हो रहा है। बिना पैसे के खेले जाने वाले ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को सरकार प्रोत्साहित करेगी।
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इसके लिए सरकार प्राधिकरण का गठन करेगी और योजना भी लाएगी। लोगों की हजारों शिकायतें मिलने और विभिन्न राज्यों के अनुरोध पर केंद्र सरकार यह कानून ला रही है, लेकिन इस पर अमल की जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्यों पर होगी।

समाज को बर्बाद होने से बचाना
इलेक्ट्रॉनिक्स व आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने बताया कि सरकार का उद्देश्य समाज को बर्बाद होने से बचाना और आत्महत्याओं को रोकना है, न कि राजस्व की चिंता करना। इस प्रकार के ऑनलाइनगेम ड्रग्स के नशे की तरह हैं।
ऑनलाइन मनी गेमिंग (Online Money Gaming) एक गंभीर सामाजिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जिसका समाज पर नकारात्मक प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग
हालांकि, उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग के दो तिहाई हिस्से में ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग शामिल हैं। इन्हें सरकार प्रोत्साहित करेगी, क्योंकि इस प्रकार की गेमिंग से दिमाग का विकास होता है और बच्चों में नेतृत्व की क्षमता विकसित होती है। इनको कानूनी मान्यता मिलेगी और इन्हें बढ़ावा दिया जाएगा।

खुदरा निवेशकों से भी ज्यादा हैं क्रिकेट से जुड़ा गेम खेलने वाले सरकार का कहना है कि ऑनलाइनगेमिंग कंपनियों को पिछले कई वर्षों से गेमिंग के जरिये होने वाली सट्टेबाजी को रोकने के लिए कहा जा रहा था। लेकिन, इस दिशा में उनकी तरफ से कोई सकारात्मक प्रयास नहीं किया गया।
क्रिकेट से जुड़े कुछ ऑनलाइनगेम को 20 करोड़ लोग खेलते हैं, जबकि देश में शेयर बाजार से जुड़े खुदरा निवेशकों की संख्या भी अभी इतनी नहीं हुई है। ये सभी खिलाड़ी गेमिंग एप के जरिये बाजी लगाने का काम करते हैं।
राजस्व के नुकसान की चिंता नहीं
सरकार ने वर्ष 2023 में पैसे से जुड़ी ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लगाया था। कहा जा रहा है कि गेमिंग पर रोक से सरकार को मिलने वाले करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।
लेकिन सरकार कह रही है कि इसकी हमें चिंता नहीं है और इनकी जगह हम ई-स्पोर्ट्स व सोशल गेमिंग को लाएंगे। इससे भी नौकरियां निकलेंगी। देश में ऑनलाइन गेमिंग का कारोबार वर्तमान में 3.8 अरब डॉलर का है।
गेम खिलवाने वालों को होगी सजा
पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेम खेलने वालों को सजा नहीं होगी। जो लोग इस प्रकार का गेमिंग एप संचालित करेंगे, उनके लिए एक करोड़ तक का जुर्माना और तीन साल की कैद का प्रविधान किया गया है।
इस प्रकार के गेमिंग एप का विज्ञापन करने वाले स्टार को दो साल की सजा और 50 लाख रुपये का जुर्माना होगा। मनी गेमिंग के विज्ञापनों पर प्रतिबंध और बैंकों व वित्तीय संस्थानों के लिए धन हस्तांतरित करने से रोकने का नियम बनाया गया है।
दो करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान
पैसे से जुड़े गेम में वित्तीय लेनदेन की सुविधा देने वालों को एक करोड़ के जुर्माने के साथ तीन साल की कैद का प्रविधान किया गया है। बार-बार अपराध करने पर तीन-पांच साल की कैद और दो करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान है। प्रमुख धाराओं के अंतर्गत अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती बनाया गया है।
सभी ऑनलाइनसट्टेबाजी और जुआ को गैरकानूनी बनाया गया है। इनमें ऑनलाइनफैंटेसी गेमिंग से लेकर ऑनलाइनजुआ (जैसे पोकर, रम्मी और अन्य कार्ड गेम) तथा ऑनलाइनलाटरी शामिल हैं। नए कानून के लागू होने तक गेमिंग की वर्तमान व्यवस्था जारी रहेगी।







