डेली संवाद, चंडीगढ़/लुधियाना। Punjab News: राड़ा साहिब (Rada Sahib) संप्रदाय के मुखी संत बाबा बलजिंदर सिंह जी राड़ा साहिब का रात के दीवान के बाद अपना अचानक ही शरीर छोड़ गए थे। उनके अंतिम दर्शन के लिए पंजाब के वित्त, योजना, कर एवं आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) सोमवार को गुरुद्वारा करमसर राड़ा साहिब विशेष रूप से पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने संत बाबा बलजिंदर सिंह जी की देह को पंजाब सरकार की ओर से लोई अर्पित की।

संत के जाने से सिख कौम को अपूरणीय क्षति हुई
इस मौके पर हलका पायल के विधायक मनविंदर सिंह ग्यासपुरा भी उपस्थित थे। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि संत बाबा बलजिंदर सिंह जी (Baba Baljinder Singh Ji) के जाने से सिख कौम को अपूरणीय क्षति हुई है। यह संप्रदाय लंबे समय से सिखी का प्रचार-प्रसार कर रहा है।
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जहाँ हमें व्यक्तिगत रूप से गहरा दुख हुआ है, वहीं पूरे सिख जगत को भी बड़ा नुकसान पहुँचा है, क्योंकि संत बाबा बलजिंदर सिंह जी राड़ा साहिब वालों ने देश-विदेश में जाकर कीर्तन और कथा (आध्यात्मिक प्रवचन) के माध्यम से सिख संगतों को गुरु से जोड़ा और गुरु के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।

संत बाबा ईशर सिंह जी की 50वीं बरसी मना रहे
बाद में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और विधायक मनविंदर सिंह ग्यासपुरा ने भक्ति के प्रतीक और विश्व प्रसिद्ध गुरुद्वारा करमसर राड़ा साहिब के संस्थापक सच्चखंडवासी धन धन बाबा ईशर सिंह जी की 50वीं बरसी समागम के अवसर पर श्रद्धा और सम्मान सहित हाज़िरी भरी।
उन्होंने कहा कि जहाँ आज हम संत बाबा ईशर सिंह जी की 50वीं बरसी मना रहे हैं, वहीं आज राड़ा साहिब संप्रदाय के मुखी संत बाबा बलजिंदर सिंह जी भी हमें सदा के लिए छोड़कर सच्चखंड जा विराजे हैं। यह संगतों के लिए अपूरणीय क्षति है।
अंतिम संस्कार 27 अगस्त को शाम 3 बजे
महापुरुष सदियों बाद इस संसार में आते हैं और संगतों को गुरु के मार्ग से जोड़ते हैं, सामाजिक कुरीतियों को दूर करते हैं। उन्होंने कहा कि वे पंजाब सरकार की ओर से जहाँ बाबा ईशर सिंह जी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं, वहीं संत बाबा बलजिंदर सिंह जी के लिए अरदास करते हैं कि परमात्मा उन्हें अपने चरणों में स्थान दे और संगतों को भाणा मानने की शक्ति बख्शे।
उल्लेखनीय है कि सच्चखंडवासी संत बाबा बलजिंदर सिंह जी राड़ा साहिब वालों का अंतिम संस्कार 27 अगस्त को शाम 3 बजे गुरुद्वारा करमसर राड़ा साहिब की कार पार्किंग में होगा। 28 अगस्त सुबह अंगीठा संभाला जाएगा। इसके बाद सुबह 11 बजे कीरतपुर साहिब के लिए फूल तारने हेतु प्रस्थान होगा।






