डेली संवाद, जालंधर। Aaj ka Panchang 26 August 2025: आज 26 अगस्त 2025 की तारीख है, मंगलवार (Tuesday) का दिन है। आज यानी 26 अगस्त को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। हर साल इस तिथि पर हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2025) का व्रत किया जाता है। इस व्रत को कुंवारी लड़कियां और सुहागिन महिलाएं करती हैं।
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धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से विवाह में आ रही रुकावट दूर होती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है। हरतालिका तीज के दिन कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 26 August 2025) के बारे में।

आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 26 August 2025)
- तिथि: शुक्ल तृतीया
- मास पूर्णिमांत: भाद्रपद
- दिन: मंगलवार
- संवत्: 2082
- तिथि: तृतीया दोपहर 01 बजकर 54 मिनट तक
- योग: साध्य दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक
- करण: गरज दोपहर 01 बजकर 54 मिनट तक
- करण: 27 अगस्त को वणिजा रात्रि 02 बजकर 46 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 56 मिनट पर
- सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 49 मिनट पर
- चंद्रमा का उदय: सुबह 08 बजकर 33 मिनट पर
- चन्द्रास्त: रात 08 बजकर 29 मिनट पर
- सूर्य राशि: सिंह
- चंद्र राशि: कन्या
- पक्ष: शुक्ल

शुभ समय अवधि
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक
- अमृत काल: 27 अगस्त को रात्रि 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 01 बजकर 15 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
- राहुकाल: दोपहर 03 बजकर 36 मिनट से सायं 05 बजकर 13 मिनट तक
- गुलिकाल: दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से 01 बजकर 59 मिनट तक
- यमगण्ड: प्रातः 09 बजकर 09 मिनट से 10 बजकर 46 मिनट तक
हरतालिका तीज 2025
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की रेत से बनी प्रतिमाएं बनाकर पूजा की जाती है और वैवाहिक सुख एवं संतान प्राप्ति की कामना की जाती है।
हरतालिका तीज का नाम ‘हरत’ और ‘आलिका’ से बना है, जिसका अर्थ है अपहरण और सखी। कथा अनुसार माता पार्वती की सखी उन्हें जंगल में ले गईं ताकि उनके पिता उनका विवाह भगवान विष्णु से न कर सकें।

प्रदोष काल में भी पूजा की जा सकती
सुबह का समय पूजा के लिए शुभ माना जाता है, लेकिन प्रदोष काल में भी पूजा की जा सकती है। पूजा स्नान और अच्छे वस्त्र पहनने के बाद करनी चाहिए। रेत से बनी प्रतिमाओं की पूजा करते समय हरतालिका की कथा का वाचन भी किया जाता है।
कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में इसे गौरी हब्बा कहा जाता है और महिलाएं ‘स्वर्ण गौरी व्रत’ कर सुखी वैवाहिक जीवन के लिए आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।
हरतालिका तीज अवधि-
- तृतीया तिथि प्रारंभ – 25 अगस्त 2025 को दोपहर 12 मिनट 34 मिनट
- तृतीया तिथि समाप्त – 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01 मिनट 54 मिनट

हरतालिका तीज व्रत विधि-
- स्नान और सजावट: व्रत करने वाली महिला प्रातः काल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- पूजा सामग्री: रेत या मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमाएं बनाएं।
- स्थान चयन: प्रतिमाओं को साफ और शांत स्थान पर स्थापित करें।
- पूजा आरंभ: दीपक, अगरबत्ती और फूलों से पूजा प्रारंभ करें।
- संकल्प: व्रत का संकल्प लेकर माता पार्वती और भगवान शिव से वैवाहिक सुख और संतान प्राप्ति की कामना करें।
- कथा वाचन: पूजा के दौरान हरतालिका तीज की कथा सुनाएं या पढ़ें।
- आरती और भोग: प्रतिमाओं के सामने दीपक जलाएं, भोग अर्पित करें और आरती करें।
- व्रत समाप्ति: पूरे दिन का उपवास रखकर रात को व्रत समाप्त करें।






