डेली संवाद, नई दिल्ली/पटना। PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा, ‘बिहार में कुछ दिन पहले जो कुछ हुआ उसकी मैंने कल्पना नहीं की थी। बिहार में कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं। ये गालियां सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं ये देश की मां-बहन, बेटी का अपमान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि ‘बिहार के दरभंगा में 27 अगस्त को राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान मेरी मां को गाली दी गई। पीएम ने कहा, ‘इस घटना की जितनी पीड़ा मेरे दिल में है उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों के दिल में भी है। मैं आपसे अपना दुख साझा कर रहा हूं, ताकि मैं इस पीड़ा तो झेल पाऊं।’

मैं गरीब परिवार से हूं
प्रधानमंत्री ने दिल्ली से बिहार की जनता को वर्चुअली संबोधित करते हुए यह बात कही। वे बिहार राज्य जीविका निधि शाखा सहकारी संघ लिमिटेड की शुरुआत के कार्यक्रम में जुड़े थे। 36 मिनट के संबोधन में पीएम ने कहा, ‘मैं गरीब परिवार से हूं। समाज और देश की सेवा में लगा हूं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने हर दिन हर क्षण अपने देश के लिए, देशवासियों के लिए मेहनत की। इसमें मेरी मां का आशीर्वाद, मेरी मां की बहुत बड़ी भूमिका थी। मुझे जन्म देने वाली मां ने मुझे अपने दायित्वों से मुक्त कर दिया था।’
माताओं-बहनों का जीवन आसान बनाने के लिए एनडीए सरकार दिन-रात काम कर रही है। आज बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ कर गौरवान्वित हूं। https://t.co/381gpeg2oX
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2025
मेरी मां जो दुनिया में नहीं, उन्हें गालियां दीं
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मुझे आज इस बात की पीड़ा है। मां ने मुझे देश सेवा के लिए रवाना किया था। हर मां चाहती है कि बेटा बड़ा हो। मेरे लिए कुछ करे। मेरी मां ने ऐसा नहीं सोचा। उन्होंने मुझे आपके लिए भेजा।’
बारिश का मौसम आते ही मां घर को सही करवाती थी, ताकि छत ना टपके। मां बीमार हो फिर भी पता नहीं चलने देती थी। काम करती रहती थी। काम पर जाती थी।

मां का स्थान भगवान से पहले
मां का स्थान देवी-देवताओं से ऊपर माना जाता है। बिहार के ही संस्कार हैं। माई के स्थान देवता से भी ऊपर होवेला। काही के आपन बाल बच्चा खातिर ऊ कोनो देवी नियर पोल पास के बड़ा करेली…माई के बिना कोनो जिंदगी ना बनप सकेला।’ ये गालियां करोड़ों माताओं-बहनों को दी गईं।
ये शाही खानदानों में पैदा हुए युवराज इस पीड़ा को नहीं समझ सकते हैं। ये नामदार लोग सोने-चांदी के चम्मच लेकर पैदा हुए हैं। ये बिहार के लोग और सत्ता को अपनी विरासत समझते हैं। इन्हें लगता है कुर्सी इन्हें ही मिलनी चाहिए। आपने एक गरीब मां के बेटे को इस लायक बना दिया ये बात नामदारों को पच नहीं रही है।






