Punjab Flood: पंजाब ने बाढ़ की स्थिति का तुरंत और सहानुभूति से किया मुकाबला: हरपाल सिंह चीमा

Daily Samvad
8 Min Read
Harpal Singh Cheema

डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab Flood: पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने आज यहां राज्य में बाढ़ की स्थिति का गंभीर मूल्यांकन किया, जिसे उन्होंने पिछले पांच दशकों की सबसे भयानक बाढ़ बताया। उन्होंने कहा कि पंजाब और पड़ोसी पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है, जिससे लगभग 2,000 गांव प्रभावित हुए हैं।

Many areas of Delhi are flooded with water

14 जिलों में 43 मौतें हुई

इस संकट ने 4,00,000 से अधिक नागरिकों को प्रभावित किया है, जबकि 14 जिलों में 43 मौतें हुई हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार माने जाने वाले कृषि क्षेत्र को भी भारी नुकसान हुआ है, जिसमें 18 जिलों में 1.72 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, बुनियादी ढांचे, घरों और पशुओं को भी गंभीर क्षति पहुंची है। घग्गर नदी का जल स्तर भी 750 फीट के खतरे के निशान को पार कर गया है।

यह भी पढ़ें: अमेरिका जाने की तैयारी करने वाले भारतीयों को बड़ा झटका, VISA को लेकर नया आदेश जारी

वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने इस अप्रत्याशित बाढ़ संकट का तुरंत और सहानुभूति के साथ जवाब दिया है। उन्होंने भाजपा-नीत केंद्र सरकार से जवाबदेही और सहायता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इस संकट का राजनीतिक फायदा उठाने के बजाय साझा प्रयासों की जरूरत है।

लगभग 200 राहत शिविर स्थापित किए

आज पंजाब भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि तबाही के इस स्तर के बावजूद पंजाब सरकार ने तुरंत और तालमेल वाली नीति के तहत राहत कार्य शुरू किए। उन्होंने बताया कि 22,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। राज्यभर में लगभग 200 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहाँ 7,000 से अधिक प्रभावित लोगों को राहत दी गयी है।

बचाव और राहत कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 24 टीमें और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की 2 टीमें तैनात की गई हैं, जिन्हें 144 नावें और एक सरकारी हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध कराया गया है। वित्त मंत्री चीमा ने कहा, “मुख्यमंत्री, वरिष्ठ पार्टी नेता, कैबिनेट मंत्री, सांसद, विधायक और पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर सक्रिय रूप से नागरिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। पूरा सरकारी तंत्र, ग्राम पंचायतें और गैर-सरकारी संगठन प्रभावित लोगों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।”

कैबिनेट मंत्री बलजीत कौर ने फाज़िल्का पहुंचकर राहत सामग्री वितरित किया

राहत कार्यों के लिए 71 करोड़ रुपये जारी किए

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि राजस्व विभाग ने राहत कार्यों के लिए 71 करोड़ रुपये जारी किए हैं। उन्होंने आगे कहा, “एकजुटता दिखाते हुए पूरी कैबिनेट और सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक महीने के वेतन का योगदान दिया है। इसके अलावा, लोकसभा और राज्यसभा में पंजाब से आम आदमी पार्टी के सांसद अपने सांसद निधि का अधिकतम उपयोग बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कर रहे हैं। हमारे आबकारी और कराधान विभाग ने भी इस नेक कार्य के लिए 50 लाख रुपये का योगदान दिया है।”

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने यह भी याद दिलाया कि केंद्र से किसी भी तरह की राहत की घोषणा का इंतजार करने के बाद आखिरकार पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के लंबित 60,000 करोड़ रुपये से अधिक जारी करने की मांग की थी। इसमें जीएसटी मुआवजा, आरडीएफ और एमडीएफ, और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फंड शामिल हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों के लिए उपयुक्त मुआवजा सुनिश्चित करने हेतु एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के नियमों में संशोधन की भी मांग की थी।

प्रधानमंत्री ने 25 दिनों बाद भी इस पत्र का जवाब नहीं दिया

वित्त मंत्री ने जानी नुकसान पर राजनीति करने के लिए भाजपा-की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की आलोचना की, और पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा लिखे पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने 25 दिनों बाद भी इस पत्र का जवाब नहीं दिया है। उन्होंने हैरानी जताई कि जब तालिबान-शासित अफगानिस्तान को भूकंप राहत के लिए सहायता दी जा रही है, तो पंजाब के लोगों के प्रति वही संवेदना क्यों नहीं दिखाई गई।

केंद्र सरकार के रवैये और ठोस सहायता प्रदान न करने पर गहरी निराशा व्यक्त करते हुए पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री और टीमें बिना किसी राहत पैकेज या वित्तीय सहायता की घोषणा किए केवल फोटो खिंचवाने के अवसरों के लिए राज्य का दौरा कर रही हैं। वित्त मंत्री ने केंद्र के इस दावे को पूरी तरह खारिज किया कि अवैध खनन पंजाब में बाढ़ का कारण है। इसे भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार का राज्य के प्रति स्पष्ट पक्षपात का प्रदर्शन कहा।

No new population affected, no deaths in last 24 hours: Hardeep Singh Mundian

तुरंत कार्रवाई की अपील की

केंद्र द्वारा राज्य के के मामले में अपनायी गयी पहुंच को उजागर करते हुये वित्त मंत्री ने सवाल किया कि केंद्र अन्य राज्यों में आई बाढ़ के कारणों की व्याख्या क्यों नहीं करता। उन्होंने केंद्र द्वारा इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की निंदा की और कहा कि पंजाब, एक ऐसा राज्य जिसने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इसकी सुरक्षा के लिए बलिदान दिए हैं, की इस कठिन घड़ी में मदद करने के बजाय भाजपा-नीत केंद्र सरकार संकीर्ण राजनीति कर रही है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार दावा करती है कि वह राज्य में हुए नुकसान का आकलन कर रही है, लेकिन अभी तक राज्य से ऐसा कोई डेटा नहीं मांगा गया है, जबकि राज्य इसे उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह तैयार है।

उन्होंने कहा कि नुकसान की अंतिम रिपोर्ट बाढ़ का पानी घटने के बाद ही तैयार की जा सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस संकट की घड़ी में पंजाब को पूरी तरह निराश किया है। उन्होंने केंद्र से इस गंभीर बेइंसाफी को दूर करने के लिए तुरंत कार्रवाई की अपील की और 60,000 करोड़ रुपये के बकाया तुरंत जारी करने तथा बाढ़ राहत प्रयासों का समर्थन करने के लिए राहत सामग्री और वित्तीय सहायता तत्काल भेजने की मांग की।















Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *