डेली संवाद, नई दिल्ली। Blood Moon: आसमान में एक बड़ी ही विचित्र घटना घटने वाली है। 7 और 8 सितंबर की रात को आसमान में एक बेहद दुर्लभ खगोलीय घटना होगी। यानी 24 घंटे से भी कम समय बाद भारत में चांद का रंग खून (Blood Moon in India) जैसा लाल दिखने वाला है।
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दरअसल, यह पूर्ण चंद्रग्रहण है, जिसे खगोलशास्त्र की भाषा में “ब्लड मून” (Blood Moon) कहा जाता है। इस घटना को भारत सहित एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। इसके अलावा ब्लड मून (Blood Moon) दुनिया के अलग अलग देशों में अलग अलग समय में दिखेगा।

ब्लड मून क्या है?
इस बार भादप्रद पूर्णिमा (Bhadrapada Purnima) को चंद्र ग्रहण लगेगा। खगोलविद बताते हैं कि जब चांद पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाता है तो ऐसे में सूर्य की सीधी रोशनी उस तक नहीं पहुंचती। पृथ्वी का वातावरण सूर्य की रोशनी को फिल्टर कर लाल रंग की किरणें चांद तक पहुंचाता है।
यही वजह है कि ग्रहण के समय चांद लालिमा लिए हुए दिखता है। इस बार चांद अपने पेरिजी के करीब होगा यानी पृथ्वी के सबसे पास। इसलिए यह सामान्य दिनों से थोड़ा बड़ा और ज्यादा चमकीला भी नजर आएगा।
भारत में कितने बजे दिखेगा ब्लड मून?
खगोलविदों के अनुसार भारत में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर रात 11:00 बजे से शुरू होकर 8 सितंबर रात 12:22 बजे तक दिखेगा। यानी लगभग 82 मिनट तक चांद पूरी तरह से पृथ्वी की छाया (Umbra) में ढका रहेगा और इस दौरान वह लाल-नारंगी रंग का दिखाई देगा।

दुनिया में ब्लड मून की टाइमिंग
- लंदन: शाम 7:30–7:52 बजे
- पेरिस/केप टाउन: 7:30–8:52 बजे
- इस्तांबुल/काहिरा/नैरोबी: 8:30–9:52 बजे
- तेहरान: 9:00–10:22 बजे
- बैंकॉक: 12:30–1:52 बजे
- बीजिंग/हांगकांग/पर्थ: 1:30–2:52 बजे
- टोक्यो: 2:30–3:52 बजे
- सिडनी: 3:30–4:52 बजे
कैसे देखें यह नजारा?
लूनर इक्लिप्स यानी पूर्ण चंद्रग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष चश्मे या फिल्टर की जरूरत नहीं होती। यह नंगी आंखों से पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि दूरबीन या टेलीस्कोप की मदद से आप ग्रहण के दौरान चांद की सतह और भी साफ देख सकते हैं।
भारत और एशिया के देशों में यह ग्रहण सबसे शानदार दृश्य देगा क्योंकि यहां उस समय चांद आसमान में ऊंचाई पर होगा। वहीं, यूरोप और अफ्रीका के लोग इसे हॉराइजन व्यू यानी क्षितिज पर चढ़ते हुए लाल चांद के रूप में देख पाएंगे।







