Punjab News: लालजीत सिंह भुल्लर द्वारा कैदियों को हुनर सिखाने हेतु जेलों में ITIs का उद्घाटन

Daily Samvad
3 Min Read
Laljit Singh Bhullar inaugurates ITIs in jails

डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर (Laljit Singh Bhullar) ने आज केंद्रीय जेल श्री गोइंदवाल साहिब में एक महत्वपूर्ण सुधार पहल के तहत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (ITI) का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के तहत पूरे राज्य में 11 जेलों में ITIs स्थापित किए गए हैं।

Laljit Singh Bhullar inaugurates ITIs in jails
Laljit Singh Bhullar inaugurates ITIs in jails

1500 कैदी अल्पकालीन कोर्स में हिस्सा लेंगे

समारोह को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि तकनीकी शिक्षा विभाग के सहयोग से पंजाब जेल विभाग ने 9 केंद्रीय जेल और 2 महिला जेलों में यह ITI स्थापित किए हैं।

यह भी पढ़ें: अमेरिका में अवैध आप्रवासियों के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी, ट्रंप ने की बड़ी घोषणा

जेल मंत्री ने कहा कि इस हुनर विकास अभियान के तहत लगभग 2500 कैदी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, जिनमें से 1000 लम्बे समय के कोर्स करेंगे और 1500 कैदी अल्पकालीन कोर्स में हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि ये ITI कैदियों को उनके रिहाई के बाद सम्मानजनक जीवन के लिए तैयार करने के उद्देश्य से व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करेंगे।

यह संस्थान प्लंबिंग, इलेक्ट्रिशियन, बेकिंग, वेल्डिंग, लकड़ी का काम, कॉस्मेटोलॉजी, कंप्यूटर तकनीक सहित कई अन्य ट्रेड्स में एक वर्ष के कोर्स उपलब्ध कराएंगे। कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि यह पहल कैदियों को रोजगार के हुनर से लैस करके जेलों को केवल दंड केंद्र नहीं, बल्कि सुधार एवं पुनर्वास केंद्र बनाने की कोशिश है।

कैदियों के लिए नए भविष्य के रास्ते खोले

लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पंजाब सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि जेलें बदलाव के केंद्र बनकर कैदियों को मुख्य समाज की मुख्यधारा में पुनः जोड़ने में सशक्त भूमिका निभाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जेल के भीतर हुनर सिखाने और शिक्षा प्रदान करने की यह पहल कैदियों के लिए नए भविष्य के रास्ते खोलते हुए पुनः अपराध दर को कम करने में मदद करेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल सरकार की “शिक्षा और हुनर विकास के माध्यम से पुनर्वास” के व्यापक दृष्टिकोण से पूरी तरह मेल खाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कैदियों को अपनी सजा पूरी करने के बाद एक सम्मानजनक जीवन जीने का उचित अवसर मिले।















Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *