डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: अल्फ़ा महेन्द्रू फाउंडेशन द्वारा दोआबा कॉलेज के सहयोग से ” सशक्त नारी सशक्त समाज ” महिला सशक्तिकरण विषय पर भाषण प्रतियोगिता एवं सैमीनार का आयोजन किया गया। जिसके प्रथम चरण में उपरोक्त विषय पर दोआबा कॉलेज के छात्र व छात्राओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। जिसमें आई पी एस अधिकारी अकरशी जैन एडिशनल डिप्टी कमीश्नर आफ पुलिस, जालन्धर सिटी 1 बतोर मुख्यातिथि उपस्थित हूई जबकि प्रसिद्ध समाज सेविका एवं भारत के राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत डा॰ स्वराज ग्रोवर मुख्य वक्ता थी।
अल्फ़ा महेन्द्रू फाउंडेशन द्वारा आयोजित महिला सशक्तिकरण की प्रोजेक्ट निदेशक डॉ॰ पूजा पराशर ,प्रिंसीपल प्रेम चंद मारकण्डा एस डी कॉलेज फार वूमेन व महिला सशक्तिकरण प्रोजेक्ट की मुख्य सलाहकार डा॰ नवजोत कौर, प्रिंसीपल (सेवानिवृत्त) लायलपुर खालसा कॉलेज फार वूमेन के नेतृत्व में आयोजित किया गया। दोआबा कालेज के प्रधानाचार्य डॉ प्रदीप भण्डारी व अल्फ़ा महेन्द्रू फाउंडेशन के अध्यक्ष रमेश महेन्द्रू ने मेहमानो का फूलदान देकर स्वागत किया गया।
यह भी पढ़ें: अमेरिका में अवैध आप्रवासियों के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी, ट्रंप ने की बड़ी घोषणा
डॉ॰ प्रदीप भण्डारी ने अपने संबोधन में कहा कि आज महिला सशक्तिकरण के साथ साथ महिलाओ को हर क्षेत्र में बराबरी का दर्जा मिलना अति आवश्यक है तभी हमारा देश विकसित भारत की क्षेणी में शामिल हो सकता है। उन्होने गर्व महसूस करते हुए कहा कि हमारे दोआबा कॉलेज में शिक्षक हो या गैर शिक्षक स्टाफ तकरीबन दोनो ही बराबर है जबकि यदि छात्र व छात्राओं की बात की जाए तो वह भी बराबर है। डा॰ भण्डारी ने अल्फ़ा महेन्द्रू का जिक्र करते हुए कहा कि अल्फ़ा हमारे ही कालेज की छात्रा थी और आज संसार में ना मौजूद होने के बावजूद भी वर्षों बाद समाज व देश के लिए प्रेरणा श्रोत बनी हुई है।
जबकि ऐसे हादसे संसार में कई परिवारों के साथ होते है लेकिन महेन्द्रू परिवार ने अल्फ़ा के नाम से एक संस्थान स्थापित कर एक नई मिसाइल कायम की है। अल्फ़ा महेन्द्रू फाउंडेशन के अध्यक्ष रमेश महेन्द्रू ने सभी अतिथियों सहित दोआबा कॉलेज के प्रधानाचार्य डा॰ प्रदीप भंडारी का आभार व्यक्त किया और उन्होने भावनात्मक होते हुए कहा कि आज मुझे दोआबा कॉलेज में प्रांगण से अल्फ़ा के यहां होने की महक महसुस कर रहा हूं।
मुख्यातिथी मैडम आकरशी जैन ने कहा कि मुझे आज दोआबा कॉलेज के प्रांगण में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में उपस्थित होने पर गर्व महसूस हो रहा है ,उन्होने भी समाज के उत्थान के लिए महिलाओं का शिक्षित होना और आत्मनिर्भर होने पर जोर दिया। उन्होने कहा कि आज की महिलाए आधुनिक भारत का एक हिस्सा है और उन्हे ना तो अपने आपको कमजोर समझने की जरूरत है जबकि उन्हें अपने आपको एक मजबूत व आत्मनिर्भर नारी बन कर समाज में अपनी एक पहचान बनाने की जरूरत है।
प्रोजेक्ट निदेशक व प्रेम चंद मारकण्डा एस डी कॉलेज फार वूमेन की प्रधानाचार्य डा॰ पूजा पराशर ने कहा कि हमारी बेटियों को आज़ादी तो मिलनी चाहिए ताकि वह अपनी जिन्दगी के अहम फ़ैसले खुद कर सके जबकि यह तभी संभव हो सकता है जब वह शिक्षित व आत्मनिर्भर होंगी। उन्होने विशेष कर लड़कियों को संबोधित करते हुए कहा कि लड़की होना एक गर्व की बात है जबकि उन्हें इस बात की खुशी होनी चाहिए कि वह एक लड़की है और उन्हें लड़का बनने की कदापि कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होने कहा हमारी भारतीय सांस्कृतिक व सभ्यता सबसे बेहतर है और हमें यह कभी भी नहीं भूलनी चाहिए।
महिला सशक्तिकरण प्रोजेक्ट की मुख्य सलाहकार व लायलपुर खालसा कॉलेज फार वूमेन की सेवानिवृत्त प्रिंसीपल डा॰ नवजोत ने कहा कि हमारी बहनों व बेटियों ने शिक्षित होने के साथ-साथ अपने आपको देश व विदेश के हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया है और कई मिसालें कायम की है। मुख्य वक्ता डाक्टर स्वराज ग्रोवर ने अपने संबोधन में कहा कि अल्फ़ा महेन्द्रू फाउंडेशन समाज के हर क्षेत्र में बढ़िया प्रदर्शन कर रही है जबकि आज सशक्त नारी सशक्त समाज जैसे महिला सशक्तिकरण पर कार्यक्रमों की आवश्कता है। उन्होंने कहा कि आज कि नारी बेशक शिक्षित व आत्मनिर्भर बन चुकी है लेकिन फिर भी हमारे समाज में उसे बेहतर स्थान नहीं मिल सका।
हमारी बेटियां आज भी घरेलू हिंसा की शिकार हो रही है उसके लिए हमें मिलजुल कर समाज में फैली कई समाजिक कुरीतियों को समाप्त करना होगा। भाषण प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्यों प्रोफेसर आबरू शर्मा, एडवोकेट जयपाल शर्मा व प्रोफेसर गुरसिमरन सिह ने भाषण प्रतियोगिता में शामिल 13 प्रतिभागियों मे से मीनल को प्रथम भूमिका को द्वितीय कार्तिक को तृतीय व देवसिया वर्मा को सांत्वना पुरस्कार घोषित किया और उन्हे प्रमाणपत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।










