Punjab News: वित्त मंत्री द्वारा कर्मचारियों को समय पर पेंशन देने के आदेश

Daily Samvad
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Harpal Singh Cheema orders timely disbursal of pension to Zila Parishad and Panchayat Samiti employees

डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: राज्य की जिला परिषदों और पंचायत समितियों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां घोषणा की कि इन कर्मचारियों के लिए पेंशन हर महीने की 10 तारीख से पहले सीधे उनके बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। इस कदम से 3,000 से अधिक पेंशनरों को लाभ होने की उम्मीद है, जिससे उन्हें समय पर और अनुमानित ढंग से उनके बकाये मिलते रहेंगे।

Harpal-Singh-Cheema
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3,000 से अधिक पेंशनरों को लाभ होने की उम्मीद

इन कर्मचारियों के हित में एक और कदम उठाते हुए, वित्त मंत्री चीमा (Harpal Singh Cheema) ने वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत नीति अनुसार जिला परिषद और पंचायत समिति के कर्मचारियों व पेंशनरों के लंबित बकाये भी जल्द ही चार किस्तों में जारी करने की मंज़ूरी दे दी है। इन बकायों का भुगतान पंजाब सरकार के कर्मचारियों के लिए पहले से स्थापित नीति ढांचे अनुसार किया जाएगा, ताकि विभागों में वित्तीय मामलों में समानता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।

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यह निर्णय फरवरी 2025 में पंजाब कैबिनेट द्वारा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को 14,000 करोड़ रुपये के बकाये जारी करने की मंज़ूरी के अनुसार है। इस राशि में 1 जनवरी 2016 से 30 जून 2022 तक का संशोधित वेतन, पेंशन और लीव इनकैशमेंट तथा 1 जुलाई 2021 से 31 मार्च 2024 तक का महंगाई भत्ता शामिल है। यह बड़ी राशि विभिन्न चरणों में वितरित की जा रही है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनरों को आवश्यक राहत मिलेगी।

पंजाब सरकार कर्मचारियों की भलाई के लिए वचनबद्ध

वित्त मंत्री ने ये फैसले ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के सचिव अजीत बालाजी जोशी और अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ हुई उच्च-स्तरीय बैठक के दौरान लिए। इस बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग से संबंधित अन्य वित्तीय मामलों पर भी विचार-विमर्श किया गया।

वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) की अगुवाई वाली पंजाब सरकार पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और अपने कर्मचारियों की भलाई के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसे निर्णय सेवामुक्त और कार्यरत कर्मचारियों के सम्मान व अधिकारों को बनाए रखने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।















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