डेली संवाद, जालंधर/लुधियाना/मंडी गोबिंदगढ़। GST Scam in Punjab: पंजाब में सरकार की सख्ती के बाद भी बड़े पैमाने पर जीएसटी (GST) की चोरी हो रही है। इस खेल में पासर, ट्रांसपोर्टर और कारोबारियों के साथ जीएसटी विभाग (GST Department) के कुछ अधिकारियों का एक बड़ा गैंग काम कर रहा है। यह गैंग रोजाना 500 से 700 गाड़ियों को बिना बिल के ही पास करवाता है, जिससे पंजाब सरकार (Punjab Government) और केंद्र सरकार को हर दिन करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है।
पंजाब (Punjab) में एक साथ कई पासर सक्रिय हैं। ये पासर जालंधर (Jalandhar), लुधियाना (Ludhiana), मंडी गोबिंदगढ़ (Mandi Gobindgarh) और अमृतसर (Amritsar) में काम कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इसमें रवि नाम के शख्स वाला पासर हर रोज 250 गाड़िया पंजाब में बिना बिल के पास करवाया है। पासर रवि की गाड़ियों को अधिकारी हाथ नहीं डालते। इसके अलावा पंजाब के अलग अलग शहरों में पासर छिन्दा, कुनाल, लाडी, गगन, पंकज, रितिक, विशाल सक्रिय हैं, जो बिना किसी डर के जीएसटी चोरी कर स्क्रेप की गाड़ियों को इधर से उधर कर रहे हैं।

कैसे काम करते हैं पासर
सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले ये पासर कैसे काम करते हैं, इसका खुलासा हुआ है। पासर (Passar) की भाषा में इसे दो नंबर यानी बिना जीएसटी बिल (GST Bill) का माल बोलते हैं। बिना जीएसटी बिल अदा किए स्क्रेप मंगवाने वाले ट्रेडर्स और बिना बिल के ही स्क्रैप को दूसरे राज्यों से लाने वाले पासरों में आपसी कारोबार इंटरनेशनल मोबाइल नंबरों व इंटरनेट नंबरों से बने व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये होती है।
यह भी पढ़ें: अमेरिका में अवैध आप्रवासियों के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी, ट्रंप ने की बड़ी घोषणा
व्हाट्सएप ग्रुप (WhatsApp) के जरिए चल रहे इस रैकेट में बड़े लोग शामिल हैं। यह इसलिए किया जाता है ताकि पासर जांच एजेंसियों की नजर से बचे रहे। इसी के जरिये रोजाना करोड़ों रुपए की जीएसटी (GST) की चोरी हो रही है और सरकार का खजाना खाली होता जा रहा है। यह चोरी जालंधर, लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ समेत हिमाचल (Himachal) से आने जाने वाले स्क्रैप की गाड़िय़ों से की जा रही है।

WhatsApp ग्रुप से चलाया जा रहा है रैकेट
सूत्र बताते हैं कि जीएसटी (GST) विभाग के कुछ अफसरों की मिलीभगत से सरकार को आने वाला टैक्स सीधे अफसरों के जेब में जा रहा है। इसमें पासर मोटी कमाई कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पूरे पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana), हिमाचल (Himachal) व राजस्थान (Rajasthan) में 30 से 35 तरह के व्हाट्सएप (WhatsApp) ग्रुप चल रहे है। यह ग्रुप दो तरह के है। इन्ही व्हाट्सएप (WhatsApp) ग्रुप के जरिए पूरा रैकेट चलाया जा रहा है।
पहला WhatsApp ग्रुप ट्रेडर्स और पासरों का है। जिसमें ट्रेडर्स पासरों को अपनी गाड़ी नंबर बताते है और कब वहां से चलेगी उसकी जानकारी दी जाती है। दूसरा WhatsApp ग्रुप पासर और मोबाइल विंग (Mobile Wing) के अफसरों का है जिसके जरिये पासर अफसरों को गाड़ी नंबर व्हाट्सएप (WhatsApp) ग्रुप में भेजते है जिन्हें देखकर अफसर उन गाड़ियों को बिना बिल के आराम से जाने देते है और जो गाड़िया पासरों के जरिये पंजाब में नहीं आती उन्हें जबरदस्ती रोकर जांचा जाता है और उन पर कोई न कोई नुक्स निकाल कर भारी जुर्माना ठोक दिया जा रहा है।

गनमैन व ड्राइवर के साथ पासरों की मिलीभगत
इसके अलावा एक तीसरा व्हाट्सएप (WhatsApp) ग्रुप पासर और मोबाइल विंग के उन अफसरों के ड्राइवर और उनके गनमैनों का जिन्हें सरकार ने ऐसी जगह तैनात कर रखा है जहां से पंजाब (Punjab) में आने वाली गाड़ियों की संख्या बहुत कम है। इसकी मुख्य वजह उनकी ईमानदारी और जिम्मेदार के साथ नौकरी करना है। यह रूट राजस्थान से पंजाब में आने वालों का है।
इस रूट पर तैनात अफसरों के गनमैन व ड्राइवर पहले ही पासरों को आगाह कर देते है कि आज साहिब की डयूटी कितने से कितने बजे तक है। इसलिए ट्रकों की आवाजाही न की जाये। यानी कुछ अफसर और कुछ अफसरों के करिंदे ही जीएसटी चोरी करवाने में सबसे ज्यादा दिलचस्पी रखते है। इस तरह से पंजाब और केंद्र सरकार को हर दिन करोड़ों रुपए का चूना पासर लगा रहे हैं।






