Punjab News: गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक स्थल के पुनर्निर्माण की मांग

Daily Samvad
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Demand for reconstruction of Guru Nanak Dev Ji's historical site

डेली संवाद, नई दिल्ली/चंडीगढ़। Punjab News: राज्यसभा सदस्य और पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल (Sant Balbir Singh Seechewal) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को पत्र लिखकर बगदाद (इराक) में गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक स्थल के पुनर्निर्माण की मांग की है। अपने पत्र में संत सीचेवाल ने लिखा कि उदासियों के दौरान श्री गुरु नानक देव जी सन् 1511 ईस्वी में इराक के शहर बगदाद (Baghdad) गए थे।

Sant Balbir Singh Seechewal
Sant Balbir Singh Seechewal

ऐतिहासिक स्थल को भारी नुकसान पहुँचा

द्वितीय विश्व युद्ध और अमेरिका-इराक युद्ध के दौरान इस ऐतिहासिक स्थल को भारी नुकसान पहुँचा था। संत सीचेवाल ने कहा कि दुनियाभर में गुरु नानक नाम लेवा संगतें रहती हैं और उनकी श्रद्धा है कि गुरु साहिब का यह पवित्र स्थल फिर से उसी स्वरूप में स्थापित हो।

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उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए इराक के सुप्रीम लीडर सैयद अली हुसैनी खमेनी से संपर्क करें और इस पवित्र स्थल के पुनर्निर्माण को सुनिश्चित करवाएं। गौरतलब है कि 23 जनवरी 1990 को इराक के तत्कालीन राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने सिख धर्म के नेताओं से मुलाकात के बाद इस गुरुघर के पुनर्निर्माण की अनुमति दी थी।

Demand for reconstruction of Guru Nanak Dev Ji's historical site
Demand for reconstruction of Guru Nanak Dev Ji’s historical site

यह मांग रखी

पत्रकारों से बातचीत करते हुए संत सीचेवाल ने बताया कि इराक में रहने वाले सिख भाईचारे ने उनसे टेलीफोन पर संपर्क कर यह मांग रखी है कि गुरु नानक देव जी के ढह चुके ऐतिहासिक स्थल का पुनर्निर्माण कराया जाए। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने अपनी उदासियों के दौरान आपसी भाईचारे और शांति का संदेश दिया था, और उसी मार्ग पर चलकर ही पूरी दुनिया में अमन-शांति स्थापित की जा सकती है।

इराक में रहने वाले सिख नौजवान सुखपाल सिंह और रशपाल सिंह ने बताया कि सिख समुदाय इस बात से चिंतित है कि गुरु नानक देव जी का ऐतिहासिक स्थल अब अपने मूल स्वरूप में नहीं है। उन्होंने कहा कि इराक में सिखों को धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखने में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लंबे समय से इराक का सिख समाज इस स्थल के पुनर्निर्माण के लिए दुनियाभर के सिख धार्मिक नेताओं से अपील करता आ रहा है।















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