डेली संवाद, नई दिल्ली। Diwali 2025 Date: भारतीय त्योहार ‘दीपावली’ ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी मनाई जाती है। हिंदू धर्म में दिवाली को ‘दीपों की रोशनी’ का पर्व माना जाता है। हिंदू धर्म में दिवाली (Diwali) को सबसे प्रमुख और शुभ त्योहारों में गिना जाता है। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
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इस दिन लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी लाइटों, जगमगाते दीपों और खूबसूरत फूलों से सजाते हैं, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो। साथ ही घर में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की नई मूर्तियां स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। हर साल दीवाली की सही डेट को लेकर भक्तों के मन में कंफ्यूजन रहती है, खासकर जब अमावस्या तिथि दो दिनों तक होती है। इस साल भी यही स्थिति बन रही है।

दीवाली 2025 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि (Diwali Date Confusion) की शुरुआत 20 अक्टूबर को 03 बजकर 44 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 21 अक्टूबर को 05 बजकर 54 मिनट पर होगा। पंचांग गणना के आधार पर इस साल दीवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
- लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त – शाम 07 बजकर 08 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक।
- प्रदोष काल – शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक।
- दीपावली के दिन महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने का विशेष महत्व है। प्रदोष काल के शुभ मुहूर्त में की गई यह पूजा घर में सुख-समृद्धि, धन और वैभव लाती है।

पूजन सामग्री (Diwali 2025 Puja Samagri)
- भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा।
- लाल रंग का कपड़ा
- पंचामृत
- शुद्ध जल/गंगाजल।
- हल्दी, कुमकुम, अक्षत, इत्र, फूल, माला, सुपारी, लौंग, इलायची, धूप,।
- खील, बताशे, गन्ना, सिंघाड़ा, मौसमी फल, मिठाई।
- चांदी के सिक्के।
- मिट्टी के दीये, तेल/घी, कलश आदि।
पूजा विधि
- पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें और स्नान करें।
- पूजा स्थल और घर में गंगाजल छिड़ककर उसे पवित्र करें।
- एक साफ चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
- चौकी पर चावल का आसन बनाकर भगवान गणेश और देवी महालक्ष्मी को विराजमान करें।
- चावल की ढेरी बनाकर घी का बड़ा अखंड दीपक जलाएं।
- चौकी के दाईं ओर जल से भरा कलश स्थापित करें।
- कलश में सिक्का, सुपारी और हल्दी डालें।
- इसके मुख पर आम के पत्ते लगाकर उस पर नारियल रखें।
- उन्हें तिलक लगाएं।
- फूल-माला अर्पित करें।
- माता को खील-बताशे, गन्ना, मिठाई और फल आदि का भोग लगाएं।
- वैदिक मंत्रों का जप करें।
- सबसे पहले भगवान गणेश की और फिर माता लक्ष्मी की आरती करें।
- पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा मांगें।
- पूजा समाप्त होने के बाद, घर के सभी कोनों, दरवाजे, खिड़कियों और आंगन में दीपक प्रज्वलित करें।







